

भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था। इस सैन्य कार्रवाई में भारतीय मिसाइलों की क्षमता और सटीकता को देखकर पाकिस्तान इतना घबरा गया। अमेरिकी स्पेस टेक कंपनी मैक्सार की सैटेलाइट इमेज से यह बड़ा खुलासा हुआ है, जो भारतीय सैन्य ताकत और रणनीति की सफलता को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर का बड़ा खुलासा
New Delhi: भारतीय सेना ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया, जिसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया गया, जिससे भारत की आतंकरोधी नीति को बड़ी कामयाबी मिली। इस अभियान की योजना अत्यंत गोपनीय रखी गई थी और इसमें थलसेना, वायुसेना और नौसेना की समन्वित भूमिका रही।
पाकिस्तानी नौसेना की घबराहट
इंडिया टुडे की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी नौसेना ने घबराकर अपने वॉरशिप (युद्धपोत) कराची के मुख्य नौसेना अड्डे से हटा लिए। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को डर था कि भारत की ओर से की गई कार्रवाई कराची बंदरगाह और नौसैनिक ठिकानों को भी निशाना बना सकती है। इसलिए उसने अपने वॉरशिप्स को सुरक्षित स्थानों पर छिपाने का फैसला किया।
सैटेलाइट तस्वीरों ने खोला राज
इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि अमेरिकी स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी मैक्सार द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों से हुई है। इन इमेजेज में देखा गया कि कराची के नेवल डॉकयार्ड, जो सामान्यतः पाकिस्तान के वॉरशिप्स से भरा रहता है, वह पूरी तरह खाली था। वहीं, कुछ वॉरशिप्स को ग्वादर बंदरगाह के पश्चिमी छोर पर स्थित एक व्यावसायिक टर्मिनल पर खड़ा देखा गया। यह इलाका ईरान बॉर्डर से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में स्पष्ट होता है कि पाकिस्तानी नौसेना ने युद्ध की आहट पाते ही अपने संसाधनों को दूरस्थ और अपेक्षाकृत सुरक्षित इलाकों में शिफ्ट कर लिया।
सैटेलाइट तस्वीर
ग्वादर की ओर भागी पाक नौसेना
ग्वादर बंदरगाह, जो पाकिस्तान का एक रणनीतिक और आर्थिक रूप से अहम बंदरगाह है, को इस स्थिति में सैन्य छिपाव के लिए उपयोग में लाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के युद्धपोतों को यहां के पश्चिमी छोर पर व्यावसायिक टर्मिनल पर तैनात किया गया ताकि भारतीय मिसाइलों की रेंज से बाहर रहा जा सके। यह रणनीति बताती है कि पाकिस्तान किस हद तक भारतीय हमले को लेकर चिंतित था। यह भी माना जा रहा है कि उन्होंने अपने युद्धपोतों पर रडार और रक्षा प्रणालियों को एक्टिवेट कर दिया था।
सैन्य रणनीति का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
इस ऑपरेशन ने केवल आतंकियों को ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेना को भी मनोवैज्ञानिक दबाव में ला दिया। भारतीय मिसाइल सिस्टम की मारक क्षमता, गुप्त रणनीति और युद्ध-पूर्व तैयारी ने यह दिखा दिया कि अगर भारत चाहे तो दुश्मन को बिना पारंपरिक युद्ध के भी मात दी जा सकती है। यह स्थिति इस बात की भी पुष्टि करती है कि पाकिस्तान को अब सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने की कीमत चुकानी पड़ रही है।
भारतीय सैन्य तकनीक की बढ़ती ताकत
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया। इसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें, उच्च क्षमता वाले ड्रोन, रियल टाइम सर्विलांस और टारगेटेड हमले शामिल थे। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे अभियानों के बाद अब वह हाई टेक ऑपरेशंस में भी पूरी तरह सक्षम है।
अंतरराष्ट्रीय नजरों में भारत की छवि
इस ऑपरेशन और उसके बाद आए खुलासों से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और भी मजबूत हुई है। जहां एक ओर भारत ने आतंकी ठिकानों को खत्म कर शांति और सुरक्षा की दिशा में कदम बढ़ाया, वहीं पाकिस्तान की सेना की कमजोरी दुनिया के सामने उजागर हुई। पाकिस्तान का अपनी नौसेना को युद्ध के मैदान से पीछे हटाना यह दर्शाता है कि भारत की सैन्य नीति केवल आक्रामक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी सशक्त है।