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महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक स्थित बी. पैक्स. लिमिटेड पकरडीहा में उर्वरक वितरण में अनियमितता को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। किसानों की लगातार शिकायतों और हालिया हंगामे के बाद विभाग ने सचिव को नोटिस जारी किया, पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर निलंबन का आदेश दिया गया।
उर्वरक वितरण में घोर अनियमितता पर बवाल
Maharajganj: महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर विकासखंड की बी. पैक्स. लिमिटेड पकरडीहा सहकारी समिति में उर्वरक वितरण में हो रही अनियमितताओं को लेकर किसानों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। क्षेत्रीय किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लगातार शिकायतों के बाद विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए समिति के प्रभारी सचिव अगस्तमुनि के विरुद्ध निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पिछले कई महीनों से किसान शिकायत कर रहे थे कि समिति में खाद वितरण न तो समय से हो रहा था और न ही पारदर्शिता के साथ। किसानों का आरोप था कि उर्वरक लेने के लिए उन्हें घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है, फिर भी उन्हें उनकी जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध नहीं कराया जाता।
कई बार किसानों को यह कहकर लौटा भी दिया जाता था कि खाद समाप्त हो गया है, जबकि अंदरखाने वितरण मनमर्जी से किया जा रहा था।
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इन गंभीर आरोपों की पुष्टि तब और मजबूत हुई जब विभाग ने प्रभारी सचिव से कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन सचिव द्वारा न तो कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया दी गई और न ही जवाब देने की जहमत उठाई गई। विभागीय जांच में पाया गया कि सचिव अपने स्वेच्छाचारिता पूर्ण रवैये के चलते सरकारी नियमों की खुली अवहेलना कर रहा था और किसी भी प्रकार की सुचारु वितरण व्यवस्था लागू नहीं की गई थी।
इसी आधार पर सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता विभाग, महराजगंज ने 6 दिसंबर 2025 को आदेश जारी करते हुए प्रबंध कमेटी बी. पैक्स. लिमिटेड पकरडीहा को निर्देशित किया कि सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए, उप कृषि ऋण सहकारी समिति (पैक्स) कर्मचारी सेवा नियमावली 2020 के अनुरूप अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इस निर्णायक कदम से क्षेत्रीय किसानों में राहत और संतोष की भावना देखी जा रही है।
इसके पहले भी समिति पर विवाद की स्थिति बन चुकी थी। कुछ दिन पूर्व खाद वितरण को लेकर दो पक्षों के बीच इतना तनाव बढ़ गया कि पुलिस की मौजूदगी में हंगामा खड़ा हो गया। किसानों ने आरोप लगाया कि समिति में ओवररेटिंग और पक्षपात के चलते वास्तविक लाभार्थियों को उचित मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था।
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बॉर्डर क्षेत्र की कई सहकारी समितियों में इसी प्रकार उर्वरक वितरण की शिकायतें लंबे समय से मिलती रही हैं। किसान बताते हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई न होने के कारण उन्हें कई-कई दिनों तक लाइन में लगना पड़ता है, तब कहीं जाकर मुश्किल से खाद मिल पाता है।