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महराजगंज के चौक नगर पंचायत में करीब दो करोड़ की धर्मशाला निर्माण परियोजना में कथित घटिया निर्माण की खबर सामने आने के बाद बड़ा एक्शन हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ द्वारा खुलासा किए जाने पर ADM प्रशांत कुमार ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी।
एडीएम ने गठित की जांच कमेटी
Maharajganj: महराजगंज जिले के चौक नगर पंचायत एक बार फिर बड़े विवाद की ज़द में है। यह वही नगर पंचायत है जिसे प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और जहां शासन की विशेष निगाहें हमेशा बनी रहती हैं। इसके बावजूद यहां विकास कार्यों में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप समय-समय पर सुर्खियों में रहते हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस बार विवाद का केंद्र बना है ओबरी गांव वार्ड, जहां बंदन योजना के तहत लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से धर्मशाला निर्माण किया जा रहा है।
स्थानीय निवासियों और मीडिया रिपोर्टों में गंभीर आरोप लगाए गए थे कि इस भवन निर्माण में जमकर घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। आरोपों के अनुसार न ईंटें मानकों के अनुरूप हैं, न ही सीमेंट और सरिया की गुणवत्ता निर्धारित स्तर पर है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर लोगों में रोष बढ़ता जा रहा था। इसी बीच डाइनामाइट न्यूज़ ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उजागर किया, जिसकी खबर ने जिला प्रशासन का ध्यान तुरंत अपनी ओर खींच लिया।
अपर जिलाधिकारी (ADM) प्रशांत कुमार ने मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। इस समिति में उपजिलाधिकारी (अपर) प्रेम शंकर पांडेय, लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता (JE) और सहायक अभियंता (AE) को शामिल किया गया है। ADM ने टीम को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे निर्माण स्थल का निरीक्षण कर उपयोग की जा रही सामग्री, निर्माण की गुणवत्ता, परियोजना में लगाई गई धनराशि और कार्य की प्रगति की विस्तृत जांच कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जैसे ही जांच समिति के गठन की खबर फैली, चौक नगर पंचायत में हड़कंप मच गया। निर्माण कार्य देख रहे ठेकेदारों और कर्मचारियों के बीच चिंता का माहौल है। कई स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर घोटाले की आशंका है और अगर निष्पक्ष जांच हुई तो कई नाम सामने आ सकते हैं।
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नगर पंचायत के कई रहवासियों ने प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से विकास कार्यों के नाम पर धन का दुरुपयोग होता रहा है, लेकिन पहली बार प्रशासन ने इतनी जल्दी और सख्ती दिखाई है। लोगों ने उम्मीद जताई है कि जांच रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएंगे और भविष्य में ऐसे मामलों पर रोक लगेगी।