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उत्तर प्रदेश के चर्चित नशीले कफ सिरप कांड में लखनऊ मॉडल जेल के वार्डर महेंद्र प्रताप सिंह का नाम सामने आया है। जेल वार्डर का कनेक्शन बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और कफ सिरप गिरोह से जुड़ा हुआ है। जांच तेज, कई और खुलासे होने की उम्मीद।
कफ सिरप कांड (Img- Google)
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मॉडल जेल के वार्डर महेंद्र प्रताप सिंह पर नशीले कफ सिरप के गिरोह से गहरे रिश्तों का आरोप लगा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों और वीडियो ने इस मामले को और तूल दिया। इनमें महेंद्र प्रताप सिंह और कफ सिरप गिरोह के मुख्य सरगना शुभम जायसवाल को एक साथ हंसते-बोलते देखा जा सकता है।
बता दें कि इस वीडियो के सामने आने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और 6 दिसंबर की रात ही महेंद्र प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह ने महेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी के खाते में लाखों रुपये का लेन-देन किया। इसके अलावा, महेंद्र को कफ सिरप गिरोह के साथ कथित तौर पर सहयोग करने और उनकी सफेद लग्जरी SUV में घूमते हुए देखा गया था। ये सारे तथ्य जांच के घेरे में हैं और अधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।
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जेल वार्डर महेंद्र सिंह (Img- Google)
महेंद्र प्रताप सिंह का बाहुबलियों और दबंगों के साथ पुराना रिश्ता भी सामने आया है। विशेषकर जब वह उन्नाव जिला जेल में तैनात थे, तब वह पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी रहे थे। इसके बाद उनकी नजदीकी पूर्वांचल के एक पूर्व सांसद से बढ़ गई। इस संबंध में भी कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
इस पूरे मामले में डीजी जेल पीसी मीना ने सख्त निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अधिकारी इस जांच को तेज कर रहे हैं और जल्द ही और भी खुलासे हो सकते हैं। बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह अब लखनऊ जिला जेल में बंद हैं, और उनके खिलाफ गिरोह चलाने के आरोप भी सामने आए हैं।
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यह मामला न केवल जेल प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि नशीले कफ सिरप का अवैध कारोबार कितनी गहरी जड़ें जमा चुका है। पुलिस से लेकर जेलकर्मियों तक इस धंधे में लिप्त पाए जा रहे हैं, जिससे इस कांड का दायरा और भी बड़ा हो गया है।