नशीले कफ सिरप तस्करी का बड़ा नेटवर्क उजागर: एसआईटी को मिला 425 करोड़ का संदिग्ध लेनदेन

सोनभद्र एसआईटी ने नशीले कफ सिरप तस्करी के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें 425 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन सामने आया है। कई मेडिकल स्टोर और फर्मों को नोटिस भेजकर जांच तेज कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही इस रैकेट के और बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 8 December 2025, 7:52 AM IST
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Sonbhadra: सोनभद्र में नशीले कफ सिरप की अवैध तस्करी से जुड़े मामले में एसआईटी की जांच लगातार आगे बढ़ रही है और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। जांच टीम ने इस नेटवर्क की जड़ों में उतरकर अब ऐसे वित्तीय लेनदेन का खुलासा किया है जो इस मामले की गंभीरता और विस्तार दोनों को दर्शाते हैं। जांच में सामने आया है कि मुख्य स्टॉकिस्ट शैली ट्रेडर्स ने पिछले दो वर्षों में करीब 425 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन किया है। यह रकम नशीले कफ सिरप के अवैध व्यापार से जुड़े काले कारोबार को स्पष्ट संकेत देती है।

शुभम जायसवाल और उसके पिता पर शिकंजा

इस पूरे नेटवर्क का केंद्र माना जा रहा शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल, जो शैली ट्रेडर्स नाम की फर्म चलाते हैं, दोनों पर अब जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। जांच के दौरान फर्म की वित्तीय गतिविधियों में गड़बड़ियां सामने आईं, जिसके बाद सोनभद्र पुलिस ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल (वाराणसी निवासी) को नोटिस भेजा है।

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कई मेडिकल स्टोर और ड्रग एजेंसी भी जांच के घेरे में

जांच केवल एक फर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे नेटवर्क में शामिल मेडिकल स्टोर और ड्रग एजेंसियों तक विस्तारित हो चुकी है। एसआईटी ने जिन प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजा है, उनमें मां कृपा मेडिकल स्टोर (सोनभद्र), शिविक्षा फर्म (सोनभद्र), दिलीप मेडिकल एजेंसी, नई बाजार (भदोही), आयुष इंटरप्राइजेज, राजेंद्र एंड संस ड्रग एजेंसी, परसीपुर और अंकिता गुप्ता द्वारा संचालित शिविक्षा फर्म शामिल हैं।

425 करोड़ की राशि कहां और कैसे घुमाई गई?

जांच से एक बड़ा सवाल यह उभरता है कि 425 करोड़ रुपये जैसी भारी रकम मेडिकल सप्लाई और कफ सिरप व्यापार जैसे सीमित व्यवसाय में कैसे आई और कैसे घूमाई गई। एसआईटी के अनुसार, यह लेनदेन फर्जी इनवॉइस, गैर-लाइसेंसी मेडिकल स्टोर्स, नकली फर्मों और हवाला नेटवर्क के माध्यम से किया गया हो सकता है। टीम इस बात की भी तहकीकात कर रही है कि इस पैसे का उपयोग आगे किस अवैध गतिविधि में किया गया।

एसपी ने बताई जांच की आगे की दिशा

सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि 425 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन का खुलासा सिर्फ प्रारंभिक जांच का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पूरे नेटवर्क की गहन छानबीन की जा रही है। तस्करी में शामिल अन्य लोगों और फर्मों की पहचान की जा रही है। जल्द ही बड़ी जानकारी सामने आ सकती है।

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क्यों बढ़ रही है कफ सिरप की तस्करी?

नशीले कफ सिरप की मांग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। इसका कारण यह है कि कफ सिरप में मौजूद कोडीन फॉस्फेट जैसे तत्वों का दुरुपयोग नशे के रूप में किया जाता है। इसके चलते बड़ी मात्रा में अवैध बिक्री, नकली बिलिंग और फर्जी मेडिकल लाइसेंस जैसे अपराध बढ़े हैं। सोनभद्र और आसपास के जिलों में यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था लेकिन पहली बार इतने बड़े पैमाने पर खुलासा हुआ है।

Location : 
  • Sonbhadra

Published : 
  • 8 December 2025, 7:52 AM IST