यूपी में मतदाता सूची से तीन करोड़ नाम हटेंगे, एसआईआर रिपोर्ट में बड़ा खुलासा; जनवरी में आएगी नई मतदाता सूची

प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई हैं। लगभग तीन करोड़ नाम एएसडी श्रेणी में पाए गए, जिन्हें हटाने की तैयारी जारी है। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि आगामी चुनावों से पहले पूरी तरह सटीक और त्रुटिरहित हो।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 8 December 2025, 7:30 AM IST
google-preferred

Lucknow: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया इस समय तेज़ी से चल रही है। विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान अब यह अनुमान सामने आ रहा है कि प्रदेश की मतदाता सूची से तीन करोड़ से अधिक नाम हटाए जा सकते हैं। जिलों से मिल रही रिपोर्टों के अनुसार बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता चिन्हित हुए हैं जो अनुपस्थित, स्थानांतरित, पहले से कहीं और दर्ज, या मृतक यानी एएसडी (ASD) श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।

पुनरीक्षण प्रक्रिया की समय सीमा

27 अक्टूबर 2025 की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में कुल 1,54,430,092 मतदाता दर्ज हैं। इसके बाद चुनाव आयोग ने एसआईआर के तहत मतदाता सूची की बड़ी सफाई शुरू की है। इस अभियान में 11 दिसंबर तक गणना फॉर्म भरकर जमा किए जा सकते हैं। इसी अवधि में सभी जिलों में मृतकों, अनुपस्थित मतदाताओं, दूसरे स्थान पर पंजीकृत और घर बदल चुके लोगों की पहचान की जा रही है।

Maharajganj SIR: मतदाता सूची को सटीक बनाने की मुहिम तेज: DM ने किया डोर-टू-डोर निरीक्षण

कई जिलों ने पूरा किया एसआईआर का काम

चुनाव आयोग की ताज़ा जानकारी के अनुसार, औरैया, आजमगढ़ और एटा जैसे जिलों ने एसआईआर का शत-प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। एटा जिला, जिसकी कुल मतदाताओं की संख्या 13,11,967 है, वहाँ 18 प्रतिशत मतदाता एएसडी कैटेगरी में पाए गए हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम प्रेम रंजन ने पुष्टि की है कि 11 दिसंबर की समय सीमा पूरी होते ही इन नामों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

प्रदेश भर में हटने वाले नामों का अनुमान

एसआईआर से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, अभी तक की प्रविष्टियों और जिलों से मिली रिपोर्टों का विश्लेषण बताता है कि पूरे प्रदेश में लगभग 6% अनुपस्थित, 10% स्थानांतरित (शिफ्टेड) और 4% मृतक मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। इन आँकड़ों को प्रदेश की कुल मतदाता संख्या पर लागू किया जाए तो यह संख्या तीन करोड़ से अधिक बैठती है। इस तरह मतदाता सूची में लंबे समय से मौजूद त्रुटियों को बड़े पैमाने पर ठीक किया जा रहा है।

क्यों बढ़ गई इतनी बड़ी संख्या?

1. तेज़ी से बढ़ता शहरीकरण और माइग्रेशन- बड़ी संख्या में लोग नौकरी, शिक्षा और व्यवसाय के लिए लगातार जिले बदल रहे हैं।
2. पुरानी सूचियों का वर्षों से अद्यतन न होना- कई नाम लंबे समय से सूची में बने रह गए थे, जबकि व्यक्ति अब वहाँ रहते ही नहीं।
3. मृतकों की रिपोर्ट न पहुंचना- परिवार द्वारा सूचना न देने से मृतकों के नाम वर्षों तक सूची में बने रहे।
4. दोहरे पंजीकरण- कई बार एक व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज पाया गया।

मतदाता सूची पुनरीक्षण में बड़ी कार्रवाई: अब तक 1.35 लाख नाम हटाए, तीसरी विजिट के बाद बढ़ सकती है संख्या

क्या होगा 11 दिसंबर के बाद?

11 दिसंबर के बाद जिलों द्वारा जमा किए गए सभी फॉर्म और डिजिटल डेटा की अंतिम जांच की जाएगी। इसके बाद चुनाव आयोग आधिकारिक आदेश जारी करेगा, जिसके अनुसार एएसडी श्रेणी में पाए गए नाम हटाए जाएंगे। साथ ही नए मतदाताओं के पंजीकरण, पता बदलने और सुधार की प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। फाइनल मतदाता सूची जनवरी 2026 की शुरुआत में प्रकाशित होने की संभावना है।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 8 December 2025, 7:30 AM IST