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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तो सिर्फ ट्रेलर था। पाकिस्तान के उकसावे पर भारत हर स्तर पर जवाब देने को तैयार है। आतंकवाद, कश्मीर स्थिति, तेज़ फैसलों और नए सैन्य सिद्धांतों पर उन्होंने भारत की स्पष्ट रणनीति बताई।
जनरल द्विवेदी की दो-टूक चेतावनी (सोर्स- गूगल)
New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का बयान काफी सख्त और संदेशात्मक माना जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ ट्रेलर था, असली फिल्म तो अभी शुरू भी नहीं हुई।” पाकिस्तान की ओर से लगातार उकसावे और सीमा पर गतिविधियों में वृद्धि को देखते हुए यह बयान भारत के सैन्य आत्मविश्वास और भविष्य की रणनीति का संकेत देता है।
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत ने जो दिखाया, वह सिर्फ शुरुआत थी। उन्होंने कहा, “हमने ट्रेलर दिखाया था, जो 88 घंटे में खत्म हो गया। अगर पाकिस्तान हमें फिर मौका देगा, तो हम बताएंगे कि जिम्मेदार राष्ट्र अपने पड़ोसियों से कैसे व्यवहार करता है।” यह बयान बताता है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक और निर्णायक सैन्य नीति की ओर बढ़ रहा है।
पाकिस्तान की ओर से हुए उकसावे की घटनाओं, आतंकियों की घुसपैठ और सीमा पर गतिविधियों को देखते हुए भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को और तेज किया है। जनरल द्विवेदी के अनुसार, भारत 4 महीने से लेकर 4 साल तक चलने वाली किसी भी संभावित लड़ाई के लिए योजना बना रहा है, इसका मतलब दीर्घकालिक रणनीति तैयार है।
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उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध में तेजी से फैसले लेना ही जीत की कुंजी है। “ऊपर से आदेश नीचे तक आने की पारंपरिक प्रक्रिया अब पुरानी हो चुकी है। हर स्तर पर त्वरित निर्णय लेने की संस्कृति विकसित करनी होगी।” यह दर्शाता है कि भारतीय सेना अब विकेंद्रीकृत, तेज और टेक्नोलॉजी-आधारित ढांचे पर काम कर रही है।
सेना प्रमुख ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, “अगर कोई आतंकवादियों की मदद करेगा, उसे कठोर जवाब मिलेगा… हमें पता है कि चेतावनी कहाँ देनी है और जवाब कहाँ देना है।”
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (सोर्स- गूगल)
इस बयान के बाद पाकिस्तान समर्थक संगठनों और उसकी इंटेलिजेंस गतिविधियों के खिलाफ भारत के रुख में और कड़ाई आने की संभावना है। भारत ने साफ कर दिया है कि न तो ब्लैकमेल की राजनीति बर्दाश्त की जाएगी, न ही आंतकवाद पर किसी तरह की ढिलाई।
आगामी चाणक्य डिफेंस डायलॉग (27–28 नवंबर) से पहले जनरल द्विवेदी ने भारत की नई सुरक्षा नीति के संकेत दिए। उन्होंने कहा, “पानी और खून साथ नहीं बह सकते। अगर शांति चाहिए, तो आतंकवाद बंद होना चाहिए। जो भी रोड़ा अटकाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।” इसका सीधा मतलब है कि भारत अब किसी भी कीमत पर आतंकियों, उनके नेटवर्क और उनके अंतरराष्ट्रीय समर्थकों को बख्शने वाला नहीं है।
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सेना प्रमुख ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है। उन्होंने कहा, “इस साल 31 आतंकवादी मारे गए, जिनमें 61% पाकिस्तानी थे।” यह पाकिस्तान की ओर से आतंक फैलाने की लगातार कोशिशों का संकेत भी है। 370 हटने के बाद घाटी में पत्थरबाज़ी, बंद, नारेबाज़ी जैसी घटनाओं में भारी कमी आई है। भारत का दावा है कि स्थानीय लोगों का भरोसा बढ़ा और आतंकी नेटवर्क काफी कमजोर हुआ है।
पाकिस्तान की राजनीति और सेना इन बयानों को कैसे लेती है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। लेकिन फिलहाल इतना साफ है कि भारत पाकिस्तान की किसी भी चुनौती का सीधे और आक्रामक तरीके से जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।