लोकसभा में गरजे सपा प्रमुख अखिलेश यादव, वंदे मातरम् पर कही बड़ी बात; पढ़ें पूरी खबर

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला, और वंदे मातरम को किसी पार्टी का नहीं, बल्कि पूरे देश की भावना बताया। उन्होंने कहा कि यह गीत आजादी की लड़ाई का प्रेरणास्त्रोत था और इसके महत्व को राजनीतिक विवादों से बचाया जाना चाहिए।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 8 December 2025, 2:15 PM IST
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New Delhi: लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उनका कहना था कि वंदे मातरम आजादी की लड़ाई का प्रेरणास्त्रोत था, जो भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट होने और संघर्ष करने की शक्ति प्रदान करता था। इस चर्चा में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल हर चीज़ को अपने नाम करने की कोशिश करता है, जबकि वंदे मातरम किसी एक व्यक्ति या पार्टी का नहीं, बल्कि पूरे देश की भावना है।

अखिलेश यादव का हमला

लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, "वंदे मातरम आजादी की लड़ाई का प्रेरणा स्रोत था। यह गीत भारतीयों को एकजुट होने की ताकत देता था और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित करता था।" उन्होंने यह भी कहा कि यह गीत विशेष रूप से रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा गाए जाने के बाद व्यापक रूप से लोकप्रिय हुआ और स्वदेशी आंदोलन की आवाज बन गया। यादव ने केंद्र सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि सत्ताधारी पार्टी वंदे मातरम को अपनी संपत्ति मानने की कोशिश कर रही है, जबकि यह गीत किसी पार्टी या व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे देश की भावना का प्रतीक है।

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क्या वंदे मातरम का अपहरण किया जा रहा है?

अखिलेश यादव ने इस दौरान यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग वंदे मातरम का राजनीतिक इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे, वे वंदे मातरम का महत्व क्या समझेंगे? कुछ लोग अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करते थे, लेकिन आज वे खुद को राष्ट्रवादी बताने का दावा करते हैं।" उन्होंने वंदे मातरम को भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत किया और इसे किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का गीत बताया।

सत्ताधारी और विपक्ष के बीच तकरार

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वंदे मातरम पर हो रही इस चर्चा ने सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच तेज तकरार को जन्म दिया है। जहां एक तरफ केंद्र सरकार इस गीत को राष्ट्रवाद का प्रतीक मानती है और इसके महत्व को बढ़ावा देती है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का मानना है कि इस गीत का राजनीतिकरण किया जा रहा है और इसे आंदोलन की भावना से जोड़ा जा रहा है। अखिलेश यादव ने इसे लेकर सत्ता पक्ष पर हमला बोला और यह कहा कि वंदे मातरम राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है, जिसे राजनीतिक विवादों से बचाना चाहिए।

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  • New Delhi

Published : 
  • 8 December 2025, 2:15 PM IST