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रामनगर में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने परीक्षा फॉर्म के विलंब शुल्क दोगुना किए जाने के विरोध में कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति का पुतला दहन किया। छात्रों का कहना है कि पूर्व में आश्वासन के बावजूद विश्वविद्यालय ने शुल्क वापस नहीं लिया, जिससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
एबीवीपी का बवाल (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
Ramnagar: गुरुवार को रामनगर स्थित पीएनजी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के दर्जनों कार्यकर्ता कॉलेज गेट पर इकट्ठा होकर कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ताओं ने बढ़े हुए परीक्षा शुल्क और विलंब शुल्क को वापस लेने की मांग करते हुए कुलपति और कुलसचिव का पुतला दहन किया।
छात्रसंघ उपाध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा फॉर्म का विलंब शुल्क अचानक दोगुना कर दिया गया है, जिससे हजारों छात्रों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले परिषद कार्यकर्ताओं ने महाविद्यालय परिसर में धरना देकर विरोध जताया था, जिसके दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि बढ़े हुए शुल्क को वापस लेकर पूर्व निर्धारित फीस ही लागू की जाएगी। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि आज तक इस मामले से संबंधित कोई आदेश जारी नहीं किया गया।
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मनोज पांडे ने कहा कि महाविद्यालय में दूर-दराज के गांवों से छात्र शिक्षा प्राप्त करने आते हैं। इनमें बड़ी संख्या आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से जुड़े युवाओं की है।
ऐसे में विलंब शुल्क दोगुना किए जाने का सीधा प्रभाव उन छात्रों पर पड़ रहा है, जो पहले ही किराया, किताबें और अन्य खर्च के कारण संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की नीतियाँ छात्रों के हित में नहीं हैं और यह कदम शिक्षा को महंगा बनाने का प्रयास है।
प्रदर्शन स्थल पर मौजूद छात्रों ने कहा कि कई विद्यार्थी अभी तक फीस जमा नहीं कर पा रहे, जिसके चलते उनका परीक्षा फॉर्म ही नहीं भरा जा सका। कुछ छात्रों ने कहा कि यदि जल्द फीस में संशोधन नहीं हुआ, तो वे परीक्षा से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं को अनदेखा कर रहा है, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय पर भड़के छात्र (फोटो सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
प्रदर्शनकारियों ने कुलपति और कुलसचिव का पुतला फूंककर कड़ा विरोध जताया। वक्ताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की परेशानियों के प्रति संवेदनहीन रवैया अपना रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बढ़े हुए शुल्क को रद्द कर जल्द पुराने शुल्क लागू नहीं किए गए, तो एबीवीपी के कार्यकर्ता बड़े स्तर पर उग्र आंदोलन शुरू करने के लिए विवश होंगे।
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प्रदर्शन के दौरान छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने निम्न मांगें रखीं-
1. विलंब शुल्क दोगुना किए जाने का आदेश तुरंत वापस लिया जाए।
2. परीक्षा शुल्क पूर्व की भांति निर्धारित किया जाए।
3. आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को विशेष राहत प्रदान की जाए।
4. शुल्क प्रणाली को पारदर्शी और छात्र हित में बनाया जाए।
प्रदर्शन के कारण कुछ देर महाविद्यालय परिसर में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। कॉलेज प्रशासन ने छात्रों से शांत रहने की अपील की, लेकिन छात्रों का कहना है कि जब तक विश्वविद्यालय ठोस निर्णय नहीं लेता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। स्थानीय शिक्षकों और अभिभावकों ने भी विश्वविद्यालय से इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेने की अपील की है।
एबीवीपी पदाधिकारियों ने कहा कि वे छात्र हितों के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। यदि मांगें पूरी नही होती हैं, तो आने वाले दिनों में रामनगर से लेकर नैनीताल तक बड़े स्तर पर आंदोलन देखने को मिल सकता है।