

विजयादशमी पर कच्छ में शस्त्र पूजन के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेताया। उन्होंने कहा कि सर क्रीक में अगर कोई हिमाकत हुई तो भारत का जवाब ऐसा होगा कि कराची भी सुरक्षित नहीं रहेगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
New Delhi: विजयादशमी के पावन अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। गुरुवार (2 अक्तूबर) को कच्छ के कच्छ जिले में शस्त्रपूजन कार्यक्रम के बाद भारतीय सेनाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान की ओर से सर क्रीक इलाके में कोई 'हिमाकत' की गई तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा। रक्षामंत्री ने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदने की कोशिश का भी हवाला देते हुए कहा कि हमारी सेनाओं ने उसकी योजनाओं को नाकाम कर दिया।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदने की नाकाम कोशिश की। हमारी सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह एक्सपोज कर दिया और दुनिया को यह संदेश दे दिया कि भारत की सेनाएँ जब चाहें, जहां चाहें और जैसे चाहें पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुँचा सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सीमाओं की रक्षा भारतीय सेना और बीएसएफ (BSF) मिलकर मुस्तैदी से कर रही हैं।
रक्षामंत्री ने सर क्रीक को लेकर तनाव के हालात की ओर संकेत करते हुए कहा कि आज़ादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद भी सर क्रीक इलाके में सीमा को लेकर विवाद उठता है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने हाल में सर क्रीक के पास अपने सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया है, जो उनकी नीयत पर सवाल उठाता है। राजनाथ सिंह ने चेतावनी भरे स्वर में कहा, "अगर सर क्रीक इलाके में पाकिस्तान की ओर से कोई हिमाकत की गई तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची का एक रास्ता क्रीक से होकर गुजरता है।"
रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
उनके इस बयान ने एक बार फिर सीमा पर बढ़ते तनाव और दोनों देशों के बीच सैन्य-राजनीतिक तकरार की संभावनाओं पर चर्चा छेड़ दी है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे तेवर यह दर्शाते हैं कि सरकार सीमा सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है और किसी भी प्रकार के उकसावे का तत्काल और निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है।
राजनाथ सिंह कच्छ में विजयादशमी के अवसर पर आयोजित शस्त्रपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहाँ पारंपरिक रूप से सैनिकों के हथियारों की पूजा की जाती है और फौजी अनुशासन तथा सामरिक तैयारियों को बल दिया जाता है। इस मौके पर उन्होंने सैनिकों के समक्ष भरोसा और हौसला बढ़ाने वाले शब्द बोले और कहा कि देश की सुरक्षा के लिये सेना और सीमा बल सदैव तत्पर हैं। शस्त्रपूजन के बाद रक्षामंत्री ने सेनाओं को संदेश देते हुए कहा कि भारत का सफर मजबूती और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मलेशियाई प्रधानमंत्री से की वार्ता, जानिये किन मुद्दों पर हुई बातचीत
राजनाथ सिंह के कड़े शब्द और सर क्रीक का जिक्र राजनीतिक और सामरिक दोनों स्तरों पर संदेश देता है- एक तरफ यह आंतरिक तौर पर सुरक्षा व्यवस्था और सैनिकों के मनोबल को मजबूत करने का संकेत है, वहीं दूसरी ओर यह पड़ोसी देश को सीमाओं पर किसी भी तरह की हरकत से रोकने का सख्त इशारा भी माना जा रहा है। ऐसे वक्तव्यों का विदेश नीति और द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ता है और आस-पास के क्षेत्र में तनाव की संभावनाओं को तेज कर सकता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-जापान साझेदारी के विस्तार की आवश्यकता पर दिया जोर
विशेषज्ञों का कहना है कि कड़े बयान दो तरह के होते हैं- एक रणनीतिक सिग्नलिंग (रूख दिखाना) और दूसरा आंतरिक संदेश। राजनाथ सिंह की टिप्पणी दोनों स्तरों पर प्रभावी दिखती है- एक ओर पाकिस्तान को चेतावनी, दूसरी ओर नागरिकों और सैनिकों को यह भरोसा कि सरकार सीमा सुरक्षा पर सख्ती से काम कर रही है। वहीं विश्लेषक यह भी कहते हैं कि वास्तविक कार्रवाई और कूटनीतिक पहल भविष्य में स्थिति तय करेंगे।
विजयादशमी के अवसर पर दिए गए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयानों ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार सीमा सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दों पर सख्त रुख अपनाये हुए है।