भारत-अमेरिका के बीच 10 साल का रक्षा समझौता, जानें इस पर क्या बोले राजनाथ सिंह

भारत और अमेरिका ने 10 साल के रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह महत्वपूर्ण समझौता कुआलालंपुर में राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीटर हेगसेथ के बीच हुई बैठक के बाद हुआ। यह समझौता भारत की रक्षा तकनीक और रणनीतिक साझेदारी को एक नई दिशा प्रदान करेगा।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 31 October 2025, 3:51 PM IST
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New Delhi: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और शुल्कों को लेकर हाल ही में उत्पन्न तनाव के बाद, संबंधों में सुधार होता दिख रहा है। शुक्रवार (31 अक्टूबर) को, दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक 10-वर्षीय रक्षा साझेदारी ढाँचे पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता उनके रणनीतिक और रक्षा संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।

कुआलालंपुर में हुई महत्वपूर्ण बैठक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत के साथ व्यापार समझौते की घोषणा के बाद, इस समझौते को भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह बैठक मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष पीटर हेगसेथ के बीच हुई। बैठक के बाद, दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने 10-वर्षीय रक्षा ढाँचे पर हस्ताक्षर किए।

राजनाथ सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा, "कुआलालंपुर में अपने अमेरिकी समकक्ष पीटर हेगसेथ के साथ एक सार्थक बैठक हुई। हमने भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए 10-वर्षीय ढाँचे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हमारे पहले से ही मजबूत रक्षा सहयोग में एक नए युग की शुरुआत करेगा।"

नए ढाँचे का महत्व

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत और रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने इसे बढ़ते रणनीतिक समन्वय और विश्वास का प्रतीक बताया। इस नए ढाँचे के तहत, दोनों देश रक्षा अनुसंधान, प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान और संयुक्त सैन्य अभ्यासों को और मज़बूत करेंगे।

Rajnath Singh and Peter Hegseth news

भारत-अमेरिका के बीच रक्षा समझौता (img source: Google)

मलेशिया यात्रा का उद्देश्य

राजनाथ सिंह गुरुवार (30 अक्टूबर) को मलेशिया पहुँचे, जहाँ उन्होंने कई देशों के रक्षा मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में भी भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और गहरा करना था।

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रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस क्षेत्रीय सम्मेलन में, भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भारत ने कहा कि उसका उद्देश्य किसी देश को निशाना बनाना नहीं, बल्कि सामूहिक सुरक्षा को मज़बूत करना है।

भारत के लिए क्या बदलेगा?

अमेरिका के साथ इस 10-वर्षीय रक्षा समझौते से भारत को उन्नत रक्षा तकनीक तक पहुँच मिलने की उम्मीद है। इससे भारत की सैन्य क्षमताएँ बढ़ेंगी और मेक इन इंडिया रक्षा परियोजनाओं को नई गति मिलेगी।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह समझौता अमेरिका और भारत के बीच रक्षा उद्योग, तकनीकी सहयोग और खुफिया साझेदारी को और गहरा करेगा। इससे भारत को उन्नत अमेरिकी हथियार प्रणालियों, ड्रोन तकनीक और साइबर सुरक्षा उपकरणों तक पहुँच मिल सकती है।

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अमेरिका-भारत संबंधों में एक नया अध्याय

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध कुछ हद तक प्रगाढ़ हुए थे, लेकिन अब अमेरिका ने भारत के साथ रणनीतिक विश्वास बढ़ाने का संकेत दिया है। इस समझौते के साथ, भारत-अमेरिका संबंध एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं, जो भविष्य में दोनों देशों के बीच सुरक्षा और तकनीकी सहयोग के नए अवसर खोल सकता है।

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Published : 
  • 31 October 2025, 3:51 PM IST