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देहरादून प्रेस क्लब में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने प्रेस वार्ता कर राशिद पहलवान पर सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा, गोल्डन फ़ॉरेस्ट क्षेत्र में अवैध दख़ल और पछवादून की डेमोग्राफी बदलने जैसे गंभीर आरोप लगाए। संगठनों ने आरोपितों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों व नेताओं पर आंदोलन की चेतावनी दी।
देहरादून में VHP का बड़ा आरोप
Dehradun: राजधानी के उत्तरांचल प्रेस क्लब में मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित कर पछवादून क्षेत्र में जमीन विवाद, अवैध कब्ज़ों और जनसांख्यिकीय बदलाव से जुड़े गंभीर मुद्दों को उठाया। संगठन की ओर से स्थानीय स्तर पर सक्रिय राशिद पहलवान नामक व्यक्ति पर कई संगीन आरोप लगाए गए, जिनमें सरकारी भूमि पर कब्ज़ा, गोल्डन फ़ॉरेस्ट क्षेत्र में अवैध दबदबा और बाहरी लोगों को बसाकर डेमोग्राफी बदलने की कोशिश तक शामिल है।
प्रेस वार्ता में VHP नेताओं ने कहा कि पछवादून का पूरा क्षेत्र अवैध कब्ज़ों और भूमाफियाओं की गतिविधियों से प्रभावित है। उन्होंने आरोप लगाया कि राशिद पहलवान खुद को इतिहासकार बताने की कोशिश करते हैं, जबकि संगठन के मुताबिक वह “हिस्ट्री शीटर” हैं।
वक्ताओं का आरोप था कि पहलवान ने प्रभावशाली लोगों से करीबी बनाकर सरकारी जमीनों पर अपना कब्ज़ा स्थापित किया और अब वह बड़े पैमाने पर स्थानीय भूखंडों पर कब्ज़े का नेटवर्क चला रहा है।
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VHP ने दावा किया कि राशिद पहलवान के प्रभाव में अप्रत्याशित वृद्धि तब हुई जब उनकी बहू जिला पंचायत सदस्य बनी। संगठन ने आरोप लगाया कि इसके बाद जमीन कब्ज़ाने की रफ्तार और बढ़ गई।
VHP नेताओं ने कहा, "बहू के जनप्रतिनिधि बनने के बाद जमीन कब्ज़ाने का खेल बुलेट ट्रेन की रफ्तार से चल रहा है। सत्ता की चाबी मिली और दंगल दोगुना हो गया।"
सबसे गंभीर आरोपों में से एक गोल्डन फ़ॉरेस्ट क्षेत्र की जमीनों पर नजर और कब्ज़ा है। यह क्षेत्र स्वर्ण नदी से सटा हुआ है और पर्यावरणीय रूप से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
जमीन कब्जा
VHP का दावा है कि यह जमीन सरकारी संरक्षण में होनी चाहिए, लेकिन यहां अवैध कब्ज़े बढ़ते जा रहे हैं। संगठन ने आरोप लगाया कि “पहलवानी दबदबे” के कारण स्थानीय प्रशासन भी कार्रवाई करने से बच रहा है।
प्रेस वार्ता में डेमोग्राफी चेंज का मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। VHP के अनुसार राशिद पहलवान बाहरी राज्यों के लोगों को बसाकर पछवादून की जनसांख्यिकी बदलने की योजनाबद्ध कोशिश कर रहा है।
नेताओं ने कहा कि क्षेत्र में अवैध तरीके से घर, झोपड़ियां और अस्थायी बस्तियां बसाई जा रही हैं, जो आने वाले समय में सामाजिक तनाव का कारण बन सकती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस पर रोक नहीं लगी तो स्थानीय लोगों के अस्तित्व और सांस्कृतिक पहचान पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
VHP ने तहसील स्तर पर भ्रष्टाचार को लेकर भी बड़े आरोप लगाए। संगठन ने दावा किया कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीनें निजी हाथों में जा रही हैं।
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संगठन ने आरोप लगाया कि “तहसील से लेकर जमीनी स्तर तक भ्रष्टाचार का दंगल चल रहा है” और ये अधिकारी अवैध कब्ज़ों की शिकायतों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
संगठन ने साफ कहा कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी राशिद पहलवान से मिले हुए हैं, उनके खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा और उनकी ‘मिलीभगत की स्क्रिप्ट’ भी सार्वजनिक की जाएगी।