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गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 72.78 करोड़ रुपये से बनी अत्याधुनिक क्षेत्रीय फोरेंसिक साइंस लैब का उद्घाटन किया। यह लैब पूर्वांचल के जिलों में जघन्य अपराधों की जांच को तेज, सटीक और वैज्ञानिक बनाएगी। इससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी और अपराध नियंत्रण और अधिक प्रभावी होगा।
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Gorakhpur: पूर्वांचल की कानून व्यवस्था, अपराध जांच व्यवस्था और न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक सशक्त एवं वैज्ञानिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में 72.78 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (Forensic Science Lab) के उच्चीकृत जी+6 भवन का विधि-विधान से पूजा कर फीता काटकर उद्घाटन किया। इस आधुनिक प्रयोगशाला के शुरू होने से अब पूर्वांचल के जनपदों में होने वाले जघन्य अपराधों की जांच तेज, सटीक और वैज्ञानिक आधार पर हो सकेगी, जिससे अपराध नियंत्रण और पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने में बड़ी भूमिका निभेगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी, त्वरित और तकनीकी आधारित पुलिसिंग व्यवस्था स्थापित करना है, और यह प्रयोगशाला उसी दिशा में उठाया गया बड़ा एवं निर्णायक कदम है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यहां कार्यरत वैज्ञानिक, तकनीशियन और पुलिस अधिकारी सटीक निष्कर्ष और त्वरित रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें, ताकि निरपराध को न्याय और अपराधियों को कठोर दंड मिल सके। उन्होंने कहा कि अपराधियों की मनोवृत्ति तभी टूटती है जब जांच एवं सजा की प्रक्रिया तेज और मजबूत होती है।
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यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला पूर्वांचल की गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर समेत कई जनपदों को फोरेंसिक तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी। अब DNA परीक्षण, फिंगर प्रिंट, साइबर क्राइम, पॉयजनोलॉजी, बैलेस्टिक, नारको एनालिसिस, विस्फोटक विश्लेषण सहित विभिन्न वैज्ञानिक जांचों के लिए केस फाइल लखनऊ या दूसरे बड़े शहरों में भेजने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे समय, संसाधन और ऊर्जा की बचत के साथ-साथ, न्याय प्रणाली की गति कई गुना तेज होगी।
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सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार स्मार्ट पुलिसिंग, आधुनिक तकनीक, डिजिटल सुरक्षा और फोरेंसिक संगठनों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह प्रयोगशाला आने वाले समय में देश के सबसे उत्कृष्ट विज्ञान संस्थानों में एक के रूप में उभरेगी। अंत में मुख्यमंत्री ने स्थानीय वैज्ञानिकों, पुलिस विभाग और निर्माण एजेंसियों को बधाई देते हुए कहा कि यह परियोजना पूर्वांचल के विकास और सुरक्षित समाज निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।