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लखनऊ के दिलकुशा क्रॉसिंग से बंदरिया बाग चौराहे तक लगभग 3 किलोमीटर सड़क पर किए गए पैचवर्क कुछ ही घंटों में उखड़ने लगे। स्थानीय दुकानदारों ने आरोप लगाया कि मरम्मत में बेहद कम टार का उपयोग किया गया। लोगों ने जांच और कार्रवाई की मांग की है।
Lucknow: लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर दिलकुशा क्रॉसिंग से बंदरिया बाग चौराहे तक पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट द्वारा किया गया पैचवर्क विवादों में आ गया है। विभाग ने हाल ही में करीब 3 किलोमीटर लंबी सड़क पर पैचिंग का काम कराया था, लेकिन सड़क कुछ ही घंटों में टूटने और उखड़ने लगी। इससे स्थानीय लोगों और दुकानदारों में नाराज़गी फैल गई है।
दुकानदारों का कहना है कि सड़क पर गुणवत्ता रहित सामग्री का उपयोग किया गया और मरम्मत कार्य में टार की मात्रा बेहद कम थी। जैसे ही वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, सड़क की ऊपरी सतह बिखरने लगी और गड्ढे फिर से नजर आने लगे। इससे आवागमन में दिक्कत बढ़ गई और वाहनों के फिसलने का खतरा भी पैदा हो गया है।
स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि मरम्मत के दौरान न तो सड़क की सही तरीके से सफाई की गई और न ही मानक प्रक्रिया का पालन हुआ। उनका आरोप है कि जल्दबाजी में काम करके सिर्फ दिखावा किया गया, जिसके परिणामस्वरूप सड़क कुछ ही घंटों में खराब हो गई।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें स्पष्ट दिखाई देता है कि सड़क की सतह हाथ लगाने पर ही झड़ रही है। इस वीडियो के सामने आने के बाद निवासियों ने संबंधित विभाग से जांच और जिम्मेदार ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग की है।
लखनऊ के कई इलाकों में हाल के महीनों में सड़क मरम्मत की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विक्रमादित्य मार्ग की यह घटना एक बार फिर सरकारी निर्माण कार्यों की पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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