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हरदोई में सब इंस्पेक्टर आकाश रोशवाल को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इसी मामले में दूसरा उपनिरीक्षक जयप्रकाश सिरोही फरार हैं। एंटी करप्शन टीम ने ट्रैप लगाकर कार्रवाई की।
हरदोई में एंटी करप्शन टीम का बड़ा एक्शन
Hardoi: हरदोई में एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में एंटी करप्शन टीम ने सब-इंस्पेक्टर को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। सोमवार को लखनऊ शाखा की एंटी करप्शन टीम ने माधौगंज थाना परिसर के हॉस्टल में कार्रवाई करते हुए एसआई आकाश रोशवाल (कौशल) को गिरफ्तार किया। वहीं, उसी मामले में शामिल दूसरे उपनिरीक्षक जयप्रकाश सिरोही मौके से फरार हो गए, जिसकी तलाश जारी है।
इस कार्रवाई की शुरुआत माधौगंज थाने के हॉस्टल परिसर से हुई। एंटी करप्शन टीम ने ट्रैप लगाकर एसआई आकाश को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। वहीं, उपनिरीक्षक जयप्रकाश सिरोही छापेमारी पड़ते ही फरार हो गए। पुलिस टीम उनकी खोज में लगातार दबिश दे रही है। दोनों दरोगा पर मुकदमे में धारा कम कराने और नाम निकालने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है। आगे की कार्रवाई लखनऊ के सांडी थाने से की जा रही है।
पूरे मामले की पृष्ठभूमि 14 अगस्त की है। माधौगंज के ग्राम रमजानीखेड़ा में दो पक्ष मुंशी और फारूख के बीच विवाद हुआ था। विवाद में पुलिस ने मुंशी की तहरीर पर फारूख, परवेज, रमीज और अलीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। वहीं फारूख की शिकायत पर पुलिस ने मुंशी, नौशाद, दिलशाद और दिलशाद की पत्नी पर मुकदमा कायम किया। इस पूरे मामले की जांच हल्का प्रभारी एसआई जयप्रकाश सिरोही कर रहे थे।
पीड़ित रमीज खान ने आरोप लगाया कि मुकदमे में धारा हटाने और नाम निकालने के एवज में दोनों उपनिरीक्षकों ने उनसे 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन संगठन, लखनऊ में दर्ज कराई।
शिकायत की सत्यता की जांच के बाद टीम ने ट्रैप की योजना बनाई। निर्धारित समय पर रमीज ने 70 हजार रुपए थाने के हॉस्टल में उपनिरीक्षक आकाश रोशवाल को सौंपे। इस दौरान एंटी करप्शन टीम ने अचानक छापा मारकर आकाश को मौके पर ही पकड़ लिया और उसके कब्जे से रिश्वत की पूरी राशि भी बरामद कर ली।
गिरफ्तार दरोगा आकाश रोशवाल को पूछताछ के लिए टीम अपने साथ ले गई। जांच के बाद उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सांडी थाने में मामला दर्ज किया गया। माधौगंज थाना प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर दोनों उपनिरीक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।