हिंदी
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय उसवाबाबू में सोमवार का दिन तनाव, विरोध और अफरातफरी से भरा रहा। निलंबित वार्डेन अर्चना पांडेय की अदालत के आदेश पर दोबारा ज्वाइनिंग को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया। इससे विद्यालय में शिक्षण कार्य ठप हो गया और मामला अधिकारियों तक पहुँच गया।
वार्डन को हटाने को लेकर छात्रों-अभिभावकों का हंगामा
गोरखपुर(ख़जनी): कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय उसवाबाबू में सोमवार का दिन तनाव, विरोध और अफरातफरी से भरा रहा। निलंबित वार्डेन अर्चना पांडेय की अदालत के आदेश पर दोबारा ज्वाइनिंग को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया। विरोध इतना तीखा हुआ कि विद्यालय में शिक्षण कार्य ठप हो गया और मामला अधिकारियों तक पहुँच गया। शिक्षा विभाग के लिए यह स्थिति कानूनी आदेश बनाम जनभावना की बड़ी चुनौती बनकर उभर आई है।
मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले वार्डेन अर्चना पांडेय एवं छात्राओं के बीच किसी मुद्दे पर विवाद हुआ था। शिकायत के बाद विभागीय स्तर पर कार्रवाई करते हुए वार्डन को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद वार्डन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जहाँ से उन्हें पुनः कार्य पर लौटने का आदेश मिला।
आदेश के बाद कुछ दिनों पहले जब उन्हें ज्वाइनिंग के लिए भेजा गया तो छात्राएं व अभिभावक उग्र हो उठे और विरोध का प्रदर्शन किया। स्थिति बिगड़ते देख अधिकारियों ने अस्थायी रूप से वार्डन को वापस भेज दिया।
गोरखपुर में गौवंश माफिया पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की संपत्ति जब्त
इसके बाद वार्डेन ने अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना (कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट) का मामला दायर कर दिया। इसी के क्रम में सोमवार को दोबारा आदेश मिलने के बाद अधिकारी उनकी ज्वाइनिंग कराने विद्यालय पहुँचे। जैसे ही वार्डन ने विद्यालय में प्रवेश किया, छात्राओं में फिर आक्रोश फैल गया और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। कई अभिभावक भी स्कूल पहुँच गए और वार्डेन की तैनाती के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया।
खंड शिक्षा अधिकारी सावन दुबे मौके पर पहुँचे और विद्यालय परिसर में अभिभावकों तथा प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें समझाने की कोशिश की। पूछने पर उन्होंने कहा—
“यह ज्वाइनिंग न्यायालय के स्पष्ट आदेश पर कराई गई है। विद्यार्थी और अभिभावक आपत्ति जता रहे हैं, जिन्हें समझाया जा रहा है। पूरा प्रकरण उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया जाएगा और आगे की कार्रवाई निर्देशानुसार होगी।”
गोरखपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में भीषण आग, लाखों का सामान राख; पुलिस को साजिश की आशंका
दूसरी ओर अभिभावकों ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक इस वार्डन को हटाया नहीं जाता, हमारी बेटियाँ विद्यालय नहीं पढ़ेंगी। हम अपने बच्चों की मानसिक सुरक्षा और सम्मान से समझौता नहीं करेंगे। अब यह मामला शिक्षा विभाग, न्यायालय और जनमानस की त्रिकोणीय परीक्षा बन गया है। प्रशासनिक आदेश और अभिभावक-छात्र हितों के बीच संतुलन कैसे बनेगा, यह आने वाले दिनों में तय होगा। फिलहाल विद्यालय का माहौल तनावपूर्ण है और सबकी निगाहें अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।