Dehradun: किसानों की चेतावनी ने मचाई हलचल, प्रशासन की उड़ी नींद, जानिए आगे क्या हुआ

देहरादून के डोईवाला में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) गुट के बैनर तले किसानों ने 450 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग को लेकर शुगर मिल गेट के बाहर धरना दिया। किसानों ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को अनिश्चितकाल तक बढ़ाया जाएगा।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 8 November 2025, 7:26 PM IST
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Dehradun: देहरादून जनपद के डोईवाला शुगर मिल गेट पर शनिवार को किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) गुट के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों की मुख्य मांग थी कि सरकार इस सीज़न का गन्ना मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल शीघ्र घोषित करे।

धरने में बड़ी संख्या में किसान, यूनियन पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और चेतावनी दी कि अगर जल्द फैसला नहीं हुआ तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

सरकार पर किसानों का आरोप

धरने के दौरान किसानों ने सरकार पर तीखे प्रहार किए। किसानों का कहना था कि लगातार बढ़ती महंगाई के बावजूद सरकार गन्ना किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सभा को संबोधित करते हुए ब्लॉक प्रमुख गौरव चौधरी ने कहा कि सरकार की नियत साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान दिन-रात मेहनत कर फसल उगाता है, लेकिन जब उसके मूल्य की बात आती है तो सरकार पीछे हट जाती है।

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महंगाई के अनुरूप आज किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है। चौधरी ने कहा कि अगर गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल तय नहीं किया गया तो किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन को और व्यापक रूप देंगे।

एक दिवसीय धरना पर आंदोलन का बिगुल बजा

धरने की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र खालसा ने की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक दिवसीय प्रतीकात्मक धरना है, लेकिन यदि सरकार ने किसानों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो आंदोलन को अनिश्चितकालीन धरने में बदला जाएगा।

खालसा ने कहा कि किसान अब चुप नहीं बैठेंगे, क्योंकि यह उनकी जीविका और हक की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को लागत मूल्य और उचित लाभ दोनों मिलना चाहिए, ताकि वे अपने परिवार और खेती को चला सकें।

संघर्ष के बल पर सरकार से मनवाएंगे नया गन्ना मूल्य

धरने में शामिल किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गन्ना किसान आज संघर्ष के रास्ते पर उतर चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि किसान बिना संघर्ष के झुकेगा नहीं। इंद्रजीत सिंह ने कहा, “हम संघर्ष के बल पर सरकार से नया गन्ना मूल्य मनवाएंगे।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ₹450 प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया,
तो आंदोलन को प्रदेशभर में फैलाया जाएगा और शुगर मिलों का संचालन रोका जाएगा।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी दिया समर्थन

धरना प्रदर्शन (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)

धरने में कई स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन भी किसानों के समर्थन में पहुंचे। इस दौरान जितेंद्र कुमार, अजीत सिंह, प्रिंस, परमजीत सिंह काकू, रंजीत सिंह बॉबी, त्रिलोक सिंह, लवली सिंह, सपी सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
किसानों ने एकजुट होकर सरकार से मांग की कि गन्ने का नया मूल्य तत्काल घोषित किया जाए, ताकि किसान समय से अपनी फसल मिलों में भेज सकें और आर्थिक संकट से राहत पा सकें।

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क्यों बढ़ा गन्ने के दामों को लेकर विवाद

पिछले कुछ वर्षों में डीजल, खाद, बिजली और मजदूरी की लागत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। किसानों का कहना है कि मौजूदा गन्ना मूल्य से उन्हें न तो लाभ मिल रहा है और न ही उत्पादन लागत निकल पा रही है। वहीं, सरकार का तर्क है कि गन्ना मूल्य तय करने से पहले सभी आर्थिक पहलुओं पर विचार किया जाता है। इसी बीच, किसान संगठनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है, खासकर पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के गन्ना क्षेत्रों में।

Location : 
  • Dehradun

Published : 
  • 8 November 2025, 7:26 PM IST