

रायबरेली में सेवा पखवाड़ा और मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत महिलाओं और बालिकाओं को कानूनी और वित्तीय अधिकारों की जानकारी दी जा रही है। लैंगिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और आत्मरक्षा जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
Raebareli: रायबरेली जिले में महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों, सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर "सेवा पखवाड़ा" 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर के अंतर्गत विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, देवानंदपुर में जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा की अगुवाई में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ होने वाले लैंगिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और पोक्सो एक्ट जैसे विषयों पर जागरूकता फैलाना था।
इस पहल में बेसिक शिक्षा विभाग ने भी भागीदारी निभाई। पीएम श्री विद्यालय सनई में बालिकाओं से संवाद कार्यक्रम और केजीबीवी शिवगढ़ में आत्मरक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां छात्राओं को कानूनी सुरक्षा, सेक्सुअल हैरसमेंट से निपटने की रणनीतियां, और आपात स्थिति में क्या करें जैसी अहम जानकारियाँ दी गईं। कार्यक्रमों में शामिल प्रशिक्षकों ने बालिकाओं को बुनियादी आत्मरक्षा तकनीकों का अभ्यास करवाया और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए प्रेरित किया।
मिशन शक्ति 5.0 के तहत प्रशासन द्वारा एक अनोखी और सराहनीय पहल की गई। अमावां विकास खंड की खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) की जिम्मेदारी एक दिन के लिए हिलगी उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रतिभाशाली छात्रा रेशमी को सौंपी गई। रेशमी हाल ही में जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 9 में चयनित हुई हैं। उनके आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल को देखते हुए बीडीओ संदीप सिंह ने उन्हें यह अवसर दिया।
"एक दिन की बीडीओ" की भूमिका में रेशमी ने अफसरों से फाइलें मंगवाईं, उन्हें पढ़ा और आवश्यक निर्देश दिए। कार्यालय में आए लोगों के सवालों के जवाब बेबाकी से दिए और सरकारी कर्मचारियों को ईमानदारी और सेवा भावना से कार्य करने की नसीहत दी। खंड विकास अधिकारी संदीप सिंह ने कहा, “ऐसी गतिविधियाँ न केवल बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ाती हैं, बल्कि नेतृत्व की भावना भी पैदा करती हैं।” उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति का उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा नहीं, बल्कि सम्मान और स्वावलंबन भी है।
विद्यालय के शिक्षक रितेश और मीना देवी ने रेशमी की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि “इस तरह की रचनात्मक पहल बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाती है।” रेशमी के माता-पिता और गांव के अन्य लोग भी इस पहल से काफी गर्वित नजर आए। कार्यक्रम में महेंद्र सिंह, सुरेश कुमार और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।