रायबरेली में दो प्लाईवुड फैक्ट्रियों पर एफआईआर दर्ज, ये था मामला

रायबरेली जिले में किसानों के लिए सस्ती नीम कोटेड यूरिया की कालाबाजारी का बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने दो प्लाईवुड फैक्ट्रियों पर बड़ी कार्रवाई की है। फैक्ट्री में यूरिया के इस्तेमाल पर जांच के बाद बड़ा खुलासा सामने आया है। पुलिस ने यूरिया आपूर्तिकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

Raebareli: रायबरेली में किसानों के हिस्से की सब्सिडी वाली 'यूरिया' का इस्तेमाल करने वाली दो प्लाईवुड फैक्ट्रियों पर एफआईआर दर्ज हुई है। जिले में रबी और खरीफ की फसल की बुवाई के दौरान अक्सर किसानों को यूरिया की किल्लत का सामना करना पड़ता है। किसानों को यूरिया के लिए लंबी कतारों और लाठियां खाने के बाद भी खाद नहीं मिलती।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यूरिया की खपत को लेकर किसानों की शिकायतें मिल रही थी कि किसानों को मिलने वाली नीम कोटेड यूरिया प्लाई फैक्ट्री में खपाई जा रही है। शासन के निर्देश पर प्रत्येक जिले में चल रही प्लाई फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली यूरिया को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी से जांच करवाई। जिससे पता चल सके कि किसानों के खेतों में पड़ने वाली सस्ती 'नीम कोटेड यूरिया' की खपत कहां हो रही है।

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जिला कृषि अधिकारी ने प्लाई फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली यूरिया का सैंपल लिया, जिसकी वाराणसी लैब रिपोर्ट विभाग को कल मिली। जिसके बाद जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पाण्डेय ने रायबरेली के शहर कोतवाली में मे° न्यू दुवा इंडस्ट्रीज और महिपाल सिंह शेखावत पर एफआईआर दर्ज करवाई जबकि दूसरी एफआईआर मिल एरिया थाने में मे एपेक्स प्लाईवुड इंडस्ट्री कासिमपुर बघेल और महिपाल सिंह शेखावत पर दर्ज हुई।

घोटाला सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। मिल एरिया थाना में एपेक्स प्लाईवुड इंडस्ट्रीज और यूरिया आपूर्तिकर्ता मेसर्स इकोलैब कैमैक्स (जयपुर) के प्रोपराइटर महिपाल सिंह शेखावत के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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इस घोटाले के पीछे मुख्य कारण भारी मुनाफा है। सरकार किसानों को यूरिया की एक बोरी लगभग 267 रुपए (सब्सिडी दर) में उपलब्ध कराती है, जबकि व्यवसायिक उपयोग वाली टेक्निकल ग्रेड यूरिया की कीमत 2000 रुपए से अधिक है। फैक्ट्री संचालक सस्ती खाद खरीदकर उसे महंगे टेक्निकल ग्रेड के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था और किसानों को यूरिया की किल्लत का सामना करना पड़ रहा था।

 

Location : 
  • Raebareli

Published : 
  • 27 November 2025, 8:20 PM IST