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रिश्तों की नाज़ुक डोर जब टूटने के कगार पर पहुंच जाए, तब संवेदनशील काउंसलिंग और सही मार्गदर्शन चमत्कार कर सकता है। महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने ऐसा ही एक महत्वपूर्ण उदाहरण पेश करते हुए एक टूटते परिवार को फिर से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।
पति-पत्नी फिर साथ रहने को राजी
Gorakhpur: रिश्तों की नाज़ुक डोर जब टूटने के कगार पर पहुंच जाए, तब संवेदनशील काउंसलिंग और सही मार्गदर्शन चमत्कार कर सकता है। महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने ऐसा ही एक महत्वपूर्ण उदाहरण पेश करते हुए एक टूटते परिवार को फिर से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश पर संचालित यह प्रयास न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए सकारात्मक संदेश भी देता है।
जानकारी के अनुसार, परिवार परामर्श केंद्र में प्रथम पक्ष रुक्मिणी और द्वितीय पक्ष मुन्ना के बीच चल रहे विवाद ने उनके वैवाहिक जीवन को गहरी दुविधा में डाल दिया था। लगातार तनाव, मनमुटाव और दूरी के कारण मामला अलगाव की स्थिति तक पहुंच गया था। लेकिन परिवार परामर्श केंद्र की टीम ने इस गंभीर प्रकरण को संवेदनशीलता के साथ लेते हुए दोनों पक्षों से कई चरणों में विस्तृत काउंसलिंग की।
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काउंसलिंग के दौरान न सिर्फ पति-पत्नी की समस्याओं को सुना गया, बल्कि उनके बीच संवाद, समझ और भरोसा दोबारा स्थापित कराने का प्रयास किया गया। टीम की मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण का परिणाम यह हुआ कि रुक्मिणी और मुन्ना दोनों ने एक-दूसरे को समझते हुए आपसी मतभेद खत्म करने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों के परिवारवालों को भी समझाया गया, जिससे माहौल बेहतर हुआ और निर्णय मजबूत बना।
सबसे बड़ी बात यह कि पति-पत्नी पूरी खुशी, स्वेच्छा और बिना किसी दबाव के एक-दूसरे के साथ दोबारा रहने को तैयार हुए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि अब वे संयुक्त रूप से अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे और परिवार को खुशहाल बनाने का हर संभव प्रयास करेंगे।
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इस सफल समन्वय में काउंसलर वशिष्ठ राय, मेनका अग्रहरी, अवनीश चौधरी, उप निरीक्षक सुनीता, मुंशी कौशल्या चौहान, मुंशी अनीता यादव, आरक्षी ऋतु सिंह, अंतिमा तिवारी, शिल्पा कुशवाहा, एवं मनीषा यादव की विशेष भूमिका रही। टीम ने धैर्य, संवेदना और पेशेवर कौशल का परिचय देते हुए एक परिवार को टूटने से बचा लिया।
परिवार परामर्श केंद्र गोरखपुर ने दंपत्ति के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि समाज में बढ़ते तनाव के बीच ऐसे प्रयास रिश्तों में नई उम्मीद पैदा करते हैं। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि संवाद और काउंसलिंग किसी भी टूटते रिश्ते को फिर से जोड़ सकती है।