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गोरखपुर के सहजनवां में एक मजदूर महिला के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर 40 हजार रुपये का लोन निकाल लिया गया। फाइनेंस कंपनी की वसूली टीम के पहुंचने पर खुला पूरा मामला। पुलिस ने पहचान चोरी और फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है।
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Gorakhpur: सहजनवां क्षेत्र में पहचान चोरी और दस्तावेजी फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सहजनवां नगर पंचायत के वार्ड नंबर 4 में किराए के मकान में अपने दिव्यांग बच्चे के साथ रहने वाली मालती देवी के नाम पर किसी अज्ञात महिला ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर फाइनेंस कंपनी से 40 हजार रुपये का लोन निकाल लिया। गरीब मजदूर मालती देवी को इस धोखाधड़ी की जानकारी तब हुई। जब फाइनेंस कंपनी की वसूली टीम उसके घर पहुंचकर बकाया राशि की किस्त जमा करने का दबाव बनाने लगी।
मोलनापुर थाना महुली जिला संतकबीरनगर निवासी मालती देवी पिछले कई वर्षों से सहजनवां में रहकर मजदूरी कर अपना और अपने दिव्यांग बेटे का पालन-पोषण करती हैं। उनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। मालती देवी ने कभी किसी फाइनेंस कंपनी से ऋण नहीं लिया और न ही किसी संस्था में दस्तावेज जमा किए। बावजूद इसके एक जालसाज महिला ने उनकी पहचान का दुरुपयोग करते हुए उनके नाम से फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेज तैयार करवा लिए और फाइनेंस कंपनी से 40 हजार रुपये का लोन आसानी से स्वीकृत करा लिया।
गौर करने वाली बात यह है कि जालसाज महिला का नाम भी मालती देवी से मिलता-जुलता बताया जा रहा है, जिससे पहचान सत्यापन में लापरवाही और और अधिक स्पष्ट हो जाती है। लोन पास होने के बाद वह महिला पूरी राशि लेकर फरार हो गई, जबकि भुगतान का बोझ असली मालती देवी पर डाल दिया गया।
एक बड़ा सवाल
पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले फाइनेंस कंपनी के दो कर्मचारी उसके घर पहुंचे और किस्त न जमा करने पर सख्त लहजे में तुरंत भुगतान की मांग करने लगे। जब मालती देवी ने लोन लेने से इनकार किया तो कर्मचारियों ने मोबाइल पर उसके नाम से तैयार किए गए फर्जी कागजात और ऋण विवरण दिखाया। दस्तावेज देखकर मालती देवी पूरी तरह स्तब्ध रह गई। उन्हें यह समझ ही नहीं आया कि कैसे और कब उनका नाम, पता और पहचान जालसाजों के हाथ लग गया।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी महिला ने शिकायत
घटना से व्यथित मालती देवी ने तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर को शिकायती पत्र भेजकर जांच और कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता ने मांग की है कि फर्जी दस्तावेज बनवाकर उनके नाम पर लोन लेने वाले जालसाज की गिरफ्तारी की जाए और उन पर थोपे गए गलत ऋण से उन्हें तत्काल राहत दी जाए।
पुलिस ने दिया मदद और न्याय दिलवाने का अश्वासन
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीओ गीडा कमलेश प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में यह मामला पहचान चोरी और दस्तावेजी फर्जीवाड़े का प्रतीत होता है। पुलिस टीम फाइनेंस कंपनी से सभी संबंधित दस्तावेज लेकर संदिग्ध महिला की पहचान कर रही है। जल्द ही आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।