हिंदी
रुद्रप्रयाग में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम 2013 पर विशेष कार्यशाला आयोजित हुई। प्रतिभागियों को कानून, शिकायत प्रक्रिया और आंतरिक शिकायत समिति की भूमिका समझाई गई। नुक्कड़ नाटक द्वारा संदेश और भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।
रुद्रप्रयाग में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विशेष कार्यशाला आयोजित
Rudraprayag: उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशन में और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जिला न्यायाधीश रुद्रप्रयाग के मार्गदर्शन में कार्यशाला आयोजित की गई। इसका मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने, उसका निषेध करने और निवारण सुनिश्चित करना था।
कार्यशाला का आयोजन वृहस्पतिवार को विकास भवन सभागार, रुद्रप्रयाग में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव महोदया, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रुद्रप्रयाग, श्रीमती पायल सिंह ने की। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को “कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम 2013” के प्रावधानों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। इसमें महिलाओं के अधिकार, रोकथाम उपाय, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया।
सचिव महोदया ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और संवेदनशील वातावरण सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार का यौन उत्पीड़न दंडनीय अपराध है और इसके विरुद्ध शिकायत करना महिलाओं का कानूनी अधिकार है।
कार्यशाला की एक प्रमुख विशेषता पीएलवी द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक रही। इस नाटक में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के विभिन्न रूपों को दर्शाया गया और दर्शकों को शिकायत प्रक्रिया, कानूनी सहायता और अधिकारों की जानकारी सरल एवं रोचक तरीके से दी गई। इससे प्रतिभागियों में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ी।
कार्यक्रम का उद्देश्य
कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। प्रतिभागियों ने अधिनियम और शिकायत प्रक्रिया को समझने के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की।
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों में आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रतिभागियों को शिकायत दर्ज करने के विभिन्न चरणों, गुमनाम शिकायत और कानूनी सहायता के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यशाला का आयोजन प्रशासनिक अधिकारियों और विभिन्न विभागों के सहयोग से किया गया। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए हर स्तर पर सुरक्षा और कानूनी जागरूकता उपलब्ध हो।