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देवभूमि के पौड़ी जनपद में गुलदार और भालू का आतंक लगातार बढ़ रहा है। लोग घरों में कैद हैं, हिंसक हमले हो रहे हैं। प्रशासन ने कार्रवाई की अनुमति दी है, लेकिन समय पर कदम नहीं उठाने पर धरना प्रदर्शन फिर शुरू हो सकता है।
देवभूमि में गुलदार और भालू का आतंक
Pauri Garhwal: भूमि के पौड़ी जनपद में इन दिनों लोग गुलदार और भालू के हमलों की दहशत में जी रहे हैं। केटि गांव, डोभाल ढांढरी गांव और खिर्सू ब्लॉक में लगातार हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं। लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और सुरक्षा की उम्मीद में प्रशासन की ओर देख रहे हैं।
गुलदार और भालू का आतंक इतना बढ़ चुका है कि लोग अपने घरों से निकलने में डर महसूस कर रहे हैं। पौड़ी ब्लॉक की एक महिला को गुलदार ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया, जबकि कोटी गांव की एक महिला को अपना निवाला बना लिया। यह घटना स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश और डर पैदा कर रही है।
गांव वाले अब अपने सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। तीन पट्टी के 60 ग्राम पंचायतो के लोगों ने विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन शुरू किया। उनका मुख्य उद्देश्य प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करवाना और आदमखोर जानवरों से सुरक्षा सुनिश्चित करवाना था।
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धरना प्रदर्शन के पांचवें दिन भारी पुलिस फोर्स, वन विभाग और संयुक्त मजिस्ट्रेट पौड़ी के साथ वार्ता हुई। प्रशासन ने स्थिति का संज्ञान लेते हुए आदमखोर गुलदार को नष्ट करने की अनुमति दी। फिलहाल धरना समाप्त कर दिया गया है।
लोग सड़कों पर उतरे
स्थानीय लोगों का धरना यह संदेश देता है कि अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो ग्रामीण फिर से सड़क पर उतरेंगे। उनकी मांग स्पष्ट है: सुरक्षित वातावरण और हमले रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई।
वन विभाग और पुलिस के लिए यह चुनौती बड़ी है। जंगल और इंसानों के बीच का संतुलन बनाए रखना कठिन है। प्रशासन ने गुलदार और भालू के हमलों को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन लोगों में अभी भी डर और आशंका बनी हुई है।
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स्थानीय लोग अब सतर्क हैं। घरों के बाहर रात में कम निकलते हैं और बच्चों तथा बुजुर्गों की विशेष सुरक्षा करते हैं। उन्होंने प्रशासन से नियमित पेट्रोलिंग और जंगल में ट्रैप लगाने की मांग की है।