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जोली ग्रांट के कालू वाला-धन्याडी मार्ग पर हाथी ने स्कूटी सवार बच्चे पर हमला किया। हाथी ने बच्चे को सूंड से खींचा और पटक दिया, जिससे घायल बच्चे की अस्पताल में मौत हो गई। वन विभाग और पुलिस घटना स्थल पर पहुंची।
Dehradun: जॉली ग्रांट में कालू वाला-धन्याडी मार्ग पर एक दिल दहलाने वाली घटना घटी। जंगल से गुजरते हुए बेकाबू हाथी ने स्कूटी सवार एक बच्चे को निशाना बना लिया। यह घटना उस वक्त हुई जब बच्चा अपने परिजनों के साथ स्कूटी पर सवार होकर जा रहा था। अचानक हाथी ने हमला किया और बच्चे को अपनी सूंड से खींचकर जमीन पर पटक दिया।
घायल बच्चे की पहचान कृणाल थापा (पुत्र कमल थापा) के रूप में हुई। वह जोली ग्रांट के वार्ड नंबर 7, कोठारी मोहल्ला का निवासी था। हाथी के हमले में गंभीर रूप से घायल बच्चे को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया।
हाथी के हमले की सूचना मिलने के बाद वन विभाग और जोली ग्रांट पुलिस मौके पर पहुंची। वन विभाग ने जंगलों में हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए टीम भेजी, जबकि पुलिस ने घटनास्थल का दौरा कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
कृणाल थापा की मौत ने परिवार और मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ा दी है। इस घटना से पूरे इलाके में हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंता पैदा हो गई है। स्थानीय लोग भी इस बारे में परेशान हैं, क्योंकि जंगल से सटे हुए मार्गों पर हाथियों के आक्रमण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
वन विभाग ने घटना के बाद अपनी पूरी टीम को घटनास्थल पर भेजा और क्षेत्रीय अधिकारियों को हाथियों की सक्रियता पर नजर रखने की निर्देश दिए। साथ ही, विभाग ने चेतावनी जारी की है कि जंगल के आसपास बसे गांवों और मार्गों पर यातायात को लेकर एहतियात बरती जाए।
जॉली ग्रांट पुलिस और प्रशासन ने भी इस घटना पर गंभीरता से प्रतिक्रिया दी है। पुलिस ने मृतक बच्चे के परिवार को सांत्वना दी और घटना की पूरी जांच शुरू कर दी है। साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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यह घटना न केवल इस परिवार के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है। जंगल के पास बसा क्षेत्र होने के कारण हाथियों के हमले की संभावना हमेशा बनी रहती है। कई बार इन जानवरों का आक्रामक व्यवहार सड़क किनारे और बसे हुए इलाकों में देखा गया है, जो स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है।