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रायबरेली में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया अव्यवस्था का शिकार है। बिना ट्रेनिंग BLO फील्ड में उतारे गए, कई अशिक्षित निकले। मतदाता और कर्मचारी दोनों परेशान हैं। BLO पर दबाव और मानसिक प्रताड़ना के मामले भी सामने आ रहे हैं।
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Raebareli: विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के पहले चरण की प्रक्रिया रायबरेली में अंतिम दौर में है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। जल्दबाजी में फॉर्म भरवाने के दबाव ने मतदाताओं और बीएलओ (BLO) दोनों के लिए बड़ी दिक्कतें पैदा कर दी हैं।
ज्यादातर BLO को बिना किसी तकनीकी प्रशिक्षण के सीधे फील्ड में उतार दिया गया है। राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में चल रहे इस अभियान पर पहले से ही राजनीतिक बयानबाज़ी हो रही है। राहुल गांधी के कथित वोट हटाने के आरोप और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के SIR पर सवाल उठाने के बाद अब BLO की कार्य स्थितियों पर भी गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
BLO पर बढ़ा दबाव, मानसिक प्रताड़ना के मामले भी सामने आए
हाल ही में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में BLO के निलंबन और आत्महत्या जैसी घटनाओं के बाद रायबरेली में भी कर्मचारियों के मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। जिला प्रशासन की ओर से मदद के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन फील्ड में स्थिति अलग है। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा कि BLO की मदद के लिए तकनीकी टीमों को लगाया गया है। इसके बावजूद कई BLO खुद अपनी परेशानी सामने ला रहे हैं।
"पढ़ना-लिखना नहीं आता तो नौकरी छोड़ दो"
नगर पालिका परिषद में कार्यरत और BLO बनाए गए ओमप्रकाश ने बताया, “हमें एसडीएम ने साफ कह दिया कि जो पढ़ना-लिखना नहीं जानता, वह नौकरी छोड़ दे। फॉर्म भरने के लिए किसी रिश्तेदार या परिचित को साथ लाओ।” ओमप्रकाश ने साफ स्वीकार किया कि वे अशिक्षित हैं और फॉर्म भरने के लिए उन्हें किसी न किसी की मदद लेनी पड़ रही है।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से चपरासियों तक, बिना क्षमता के BLO नियुक्त
रायबरेली में SIR को “सरल प्रक्रिया” बताकर लागू तो कर दिया गया, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, विभागीय चपरासी और यहां तक कि पूर्णतः अशिक्षित कर्मचारी को भी BLO की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। ऐसे कई BLO सामने आए हैं जो फॉर्म पढ़ नहीं सकते, भर नहीं सकते, और मतदाताओं की मदद करने के बजाय खुद सहायता मांग रहे हैं।
मतदाता सहूलियत के नाम पर उलझे, सिस्टम जवाब दे रहा है
मतदाताओं को सुविधा देने के उद्देश्य से शुरू हुई SIR प्रक्रिया अब उलझन का कारण बन गई है। कई स्थानों पर BLO की कमी, तकनीकी समझ का अभाव, और फॉर्म भरने की जल्दबाज़ी से मतदाताओं को लाइन में लगकर घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि फॉर्म गलत भरकर जमा हो रहे हैं, जानकारी अपूर्ण रह जा रही है और बार-बार BLO बदलने से भ्रम की स्थिति बने हुई है।