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निचलौल पब्लिक स्कूल, कोहड़वल रोड में बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि प्राधानाचार्य परवेज आलम और प्रबंधक मुख्तार ने पूरी फीस जमा होने के बावजूद कक्षा 5 के दो छात्रों, जाने आलम और अख्तर अली को छह माही परीक्षा के दौरान स्कूल से भगा दिया। अभिभावक का आरोप है कि प्राधानाचार्य ने डीबीएसए से संबंध का दबाव भी दिखाया।
विद्यालय के छात्रों को परीक्षा से भगाया
Maharajganj: महराजगंज के निचलौल पब्लिक स्कूल, कोहड़वल रोड से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कक्षा 5 में पढ़ने वाले दो छात्रों को कथित रूप से परीक्षा के दौरान स्कूल से भगा दिया गया। पीड़ित छात्र—जाने आलम और अख्तर अली—रेगुलर विद्यार्थी हैं और अभिभावकों के अनुसार दिसंबर 2025 तक की पूरी फीस पहले ही जमा की जा चुकी है। इसके बावजूद स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों को परीक्षा देने से रोकने का मामला उजागर हुआ है।
पीड़ित बच्चों की मां, जमीरुल निशा, निवासी जमुई कला, थाना ठूठीबारी ने जिलाधिकारी महराजगंज को प्रार्थना-पत्र देकर पूरे प्रकरण की शिकायत दर्ज कराई है। मां का आरोप है कि 26 नवंबर 2025 की सुबह लगभग 9 बजे प्राधानाचार्य परवेज आलम और प्रबंधक मुख्तार ने उनके बच्चों को यह कहते हुए स्कूल से भगा दिया कि फीस जमा नहीं है। जबकि अभिभावक ने फीस जमा करने की रसीद भी उपलब्ध कराई है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि प्राधानाचार्य परवेज आलम ने कथित रूप से अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए कहा कि उनका भाई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (डीबीएसए) के पद पर कार्यरत है और उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। इस कथित बयान ने पूरे प्रकरण को और भी संवेदनशील बना दिया है।
अभिभावक ने जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना-पत्र में कहा है कि उनके बच्चे नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे हैं, और ऐसे समय में जब छः-माही परीक्षा चल रही है, उन्हें स्कूल से बाहर कर देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर नाराज़गी देखी जा रही है। कई अभिभावक इसे बच्चों के अधिकारों का हनन बता रहे हैं और स्कूल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
मामला जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंच चुका है, और अब देखना यह होगा कि प्रशासन स्कूल प्रबंधन पर क्या कार्रवाई करता है। फिलहाल, इस घटना ने निजी स्कूलों में फीस और अनुशासन के नाम पर हो रही मनमानी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।