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महराजगंज के निचलौल में अवैध गर्भपात के दौरान युवती की मौत के मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों क्लीनिक संचालक डॉक्टर उदित प्रसाद गुप्ता और स्टाफ शिल्पा विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इससे पहले युवती के प्रेमी श्याम को भी गिरफ्तार किया गया था। पुलिस कार्रवाई तेज और सतत जारी है।
आरोपी को भेजा गया जेल
Maharajganj: जनपद के निचलौल क्षेत्र में अवैध गर्भपात के दौरान युवती की मौत के सनसनीखेज मामले में पुलिस लगातार त्वरित कार्रवाई कर रही है। बुधवार को पुलिस ने दो और नामजद आरोपियों—क्लीनिक संचालक डॉक्टर उदित प्रसाद गुप्ता (66 वर्ष) निवासी परागपुर और मेडिकल स्टाफ शिल्पा विश्वकर्मा (26 वर्ष) निवासी शीतलापुर—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इससे पहले इस प्रकरण में युवती के प्रेमी श्याम को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज चुकी है।
यह पूरा मामला 23 नवंबर का है। मृतका गरिमा की मां माया देवी निवासी मंगछपरा ने तहरीर देकर गंभीर आरोप लगाए थे कि खेसरारी भरकटिया निवासी श्याम उसे लेकर गुप्ता क्लिनिक, निचलौल पहुंचा। आरोप है कि क्लीनिक के संचालक डॉक्टर उदित गुप्ता और स्टाफ शिल्पा विश्वकर्मा ने गरिमा को 7 माह की गर्भवती बताते हुए अवैध गर्भपात की कोशिश की। इसी दौरान ऑपरेशन के दौरान गरिमा की हालत अचानक बिगड़ गई।
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परिजनों के अनुसार, हालत बिगड़ने पर क्लीनिक के जिम्मेदार लोग घबराए और कथित रूप से क्लीनिक में ताला लगाकर मौके से फरार हो गए। इसके बाद श्याम किसी तरह गरिमा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, निचलौल लेकर पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की बाकी कड़ियों को जोड़ना शुरू किया।
इस मामले में मु.अ.सं. 327/2025, धारा 89, 105, 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया। शुरुआती पूछताछ में पुलिस ने सबसे पहले श्याम को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। वहीं फरार चल रहे क्लीनिक संचालक और मेडिकल स्टाफ की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने विशेष अभियान चलाया। गुरुवार को दोनों को गिरफ्तार कर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए जेल भेज दिया गया।
पुलिस का कहना है कि क्लीनिक बिना वैध अनुमति के संचालित किया जा रहा था और अवैध रूप से गर्भपात कराने की शिकायतें भी सामने आई हैं। मामले की जांच आगे भी जारी है और अवैध मेडिकल प्रैक्टिस करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।