विद्यालयों के मर्जर को लेकर शिक्षकों में उबाल, बीएसए कार्यालय पर व्यापक आंदोलन, जिले भर से पहुंचे शिक्षक

संघ के पदाधिकारियों ने इस निर्णय को शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक बताते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और तत्काल मर्जर प्रक्रिया को रोकने की मांग की।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 8 July 2025, 7:53 PM IST
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Maharajganj News: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जनपद महराजगंज ने जिले के हजारों विद्यालयों को मर्ज (विलय) और पेयरिंग के नाम पर बंद किए जाने के फैसले के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, संघ के पदाधिकारियों ने इस निर्णय को शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक बताते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और तत्काल मर्जर प्रक्रिया को रोकने की मांग की।

जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

संघ के जिलाध्यक्ष केशव मणि त्रिपाठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बैजनाथ सिंह, कोषाध्यक्ष मनौवर अली, संयुक्त मंत्री अखिलेश पाठक और जिला मंत्री सत्येन्द्र कुमार मिश्र सहित कई पदाधिकारियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए सरकार के निर्णय को जनविरोधी बताया।

गरीब बच्चों की शिक्षा पर खतरा

ज्ञापन में कहा गया कि सरकार द्वारा 150 से कम छात्रों वाले प्राथमिक विद्यालयों और 100 से कम छात्रों वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन कर हजारों शिक्षकों को सरप्लस किया जा रहा है। इससे न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी, बल्कि गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को दूर-दराज के विद्यालयों तक जाना पड़ेगा, जिससे उनका पढ़ाई से मन हट सकता है।

रसोइयों और शिक्षकों की नौकरियां खतरे में

संघ का दावा है कि मर्जर के कारण हजारों रसोइयों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी ग्राम प्रधानों और विद्यालय प्रबंध समितियों पर दबाव बना रहे हैं कि वे स्कूल बंद कराने का प्रस्ताव दें। संघ ने इसे लोकतंत्र और नैतिकता के खिलाफ बताया है।

पुरानी पेंशन सहित कई मांगें उठाईं

  • 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू की जाए।
  • पेयरिंग/मर्जर प्रक्रिया पर पूर्ण रोक लगाई जाए।
  • प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
  • शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा और 10 लाख की बीमा योजना मिले।
  • माध्यमिक शिक्षकों की तरह 12 वर्षों की सेवा पर प्रोन्नति दी जाए।
  • उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार, प्रतिकर अवकाश और अध्ययन अवकाश लागू किया जाए।
  • गर्मी की छुट्टियों में स्कूल का समय सुबह 7:30 से 12:30 बजे तक किया जाए।
  • बीएलओ ड्यूटी से शिक्षकों को मुक्त रखा जाए।
  • मृतक शिक्षकों के योग्य आश्रितों को नियुक्ति दी जाए।

विरोध के सुर और चेतावनी

संघ ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने शिक्षकों की मांगें नहीं मानीं और मर्जर प्रक्रिया नहीं रोकी, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। 30 जून को प्रदेश के सभी 822 ब्लॉकों में हुई अभिभावक-ग्राम प्रधान-शिक्षक बैठक में भी इस फैसले के खिलाफ व्यापक विरोध दर्ज किया गया।

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