

मुंबई स्थित BCCI कार्यालय से 6.52 लाख रुपये की 261 आईपीएल जर्सियां चोरी होने का मामला सामने आया है। आरोपी सुरक्षा गार्ड फारूक असलम खान ने इन जर्सियों को ऑनलाइन माध्यम से हरियाणा के एक डीलर को बेच दिया था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि चोरी की गई राशि आरोपी ने जुए में खर्च की।
बीसीसीआई कार्यालय में चोरी (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: मुंबई स्थित BCCI कार्यालय से चोरी का मामला सामने आया है। पुलिस ने एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित रूप से 6.52 लाख रुपये मूल्यों की कुल 261 आईपीएल जर्सी चुराकर बेची थीं। प्रत्येक जर्सी की अनुमानित कीमत लगभग ₹2,500 बताई गई है।
गिरफ्तार किए गए सुरक्षा गार्ड का नाम फारूक असलम खान है, जो मुंबई के मीरा रोड इलाके का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में फारूक ने बताया कि उसने अखाड़े में चोरी की गई जर्सियां एक हरियाणा स्थित डीलर को ऑनलाइन माध्यम से बेच दी थीं। उसने डीलर को गलत कहानी बताई, जैसे कि वह “स्टॉक बेच रहा है क्योंकि रेनोवेशन चल रहा है” ताकि विश्वास कायम हो सके।
पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, फारूक जुए का आदी था और उसने चोरी के पैसे जुआ खेलने के लिए इस्तेमाल किए थे। यह चोरी 13 जुलाई को हुई थी, लेकिन मामला तब सामने आया जब आधिकारिक स्टॉक चेक के दौरान कार्यालय से कई जर्सियां गायब पाई गईं। सॉफ्टवेयर चेक में चौंकाने वाले परिणाम सामने आने पर CCTV फुटेज खंगाली गई। फुटेज में फारूक एक बड़ा डिब्बा लेकर कार्यालय से बाहर जाता दिखाई दिया, जिससे सुराग मिला।
CCTV फुटेज के विश्लेषण के बाद पुलिस को संदेह हुआ और तुरंत कार्रवाई करते हुए फारूक को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने चोरी की पूरी प्रक्रिया कबूल की। कथित तौर पर, उसने चोरी की जर्सियाँ एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से बेची थीं।
हरियाणा के डीलर, जिनके साथ फारूक ने सौदा किया था, का दावा है कि उन्हें जर्सियां चोरी होने की जानकारी नहीं थी। पुलिस ने डीलर को सबूतों की जांच के लिए समन भेजा है। अब तक पुलिस ने 50 जर्सियां बरामद की हैं, लेकिन अभी बाकी जर्सियों का पता नहीं लग पाया है। सौदे की रकम और शेष जर्सियों के बारे में जानकारी पुलिस जुटा रही है।
इस घटना ने BCCI कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह स्पष्ट हो गया है कि कार्यालय के स्टॉक चार्ट और वैज्ञानिक निगरानी की प्रणाली की कमी कहीं संगठन की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है। पुलिस जांच अब पूरे मामले की तह तक जा रही है, जबकि दोषी गार्ड और डीलर दोनों कथित तौर पर जांच-पड़ताल के दायरे में हैं।