

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। ये सीरीज शुरू होने से पहले ही जानकारी दे दी गई थी कि इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह केवल तीन ही मुकाबले खेलेंगे। ऐसे में अप वह पांचवां टेस्ट खेलेंगे या नहीं, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है, लेकिन इसी बीच बुमराह को लेकर रवि शास्त्री ने बड़ा बयान दे दिया है।
शास्त्री का बुमराह पर बयान (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैच की टेस्ट सीरीज में जसप्रीत बुमराह केवल तीन ही मुकाबले खेलने वाले थे और वे तीन मुकाबले वो खेल चुके हैं। ऐसे में उनका अब पांचवें मुकाबले में खेलना नामुमकीन सा लग रहा है। ऐसे में अब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच और वर्तमान कमेंटेटर रवि शास्त्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने कोचिंग करियर, पसंदीदा खिलाड़ियों और क्रिकेट कमेंट्री के अनुभवों पर खुलकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने जसप्रीत बुमराह पर भी बात की है।
इंटरव्यू में जब शास्त्री से पूछा गया कि अगर वह बल्लेबाज होते तो उन्हें किस गेंदबाज का सामना करने से सबसे ज्यादा डर लगता, तो उन्होंने बिना हिचकिचाए जसप्रीत बुमराह का नाम लिया। उन्होंने कहा, "अगर मैं बल्लेबाज होता, तो बुमराह का सामना करना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आता।" बुमराह की तेज गेंदबाजी और उनकी बेहतरीन यॉर्कर के कारण वह बल्लेबाजों के लिए सबसे खतरनाक गेंदबाजों में शुमार हैं। इस समय बुमराह इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेल रहे हैं और शास्त्री वहीं कमेंट्री कर रहे हैं।
इसी बातचीत में जब शास्त्री से पूछा गया कि वर्तमान समय में सबसे प्रभावशाली बल्लेबाज कौन हैं, तो उन्होंने विराट कोहली का नाम लिया। शास्त्री ने कहा, "विराट कोहली न केवल पिछले दशक के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं, बल्कि वह इस दौर के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर भी हैं।" कोहली की फिटनेस, तकनीक और मानसिक मजबूती ने उन्हें वैश्विक स्तर पर अलग मुकाम दिया है, और यह बात शास्त्री ने भी स्वीकार की।
रवि शास्त्री ने यह भी बताया कि कमेंट्री के शुरुआती दिनों में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट दिग्गज रिची बेनो से उन्हें एक महत्वपूर्ण सलाह मिली थी। बेनो ने कहा था, "पैसे इस बात से नहीं मिलते कि आप कितना बोलते हैं, बल्कि इस बात से मिलते हैं कि आप क्या बोलते हैं।" इस सलाह ने शास्त्री के कमेंट्री करियर को आकार दिया और वह आज भी इसे अपने काम में अपनाते हैं।
रवि शास्त्री की यह सलाह दर्शाती है कि क्वालिटी और विचारशीलता से भरा संवाद ही किसी भी क्षेत्र में सफलता की कुंजी होती है। उनके इस खुलासे ने क्रिकेट प्रेमियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि खेल में अनुभव के साथ साथ सही सोच और जुबान का भी बड़ा महत्व होता है।
इस इंटरव्यू से साफ होता है कि शास्त्री ने न केवल खिलाड़ियों की काबिलियत को बखूबी समझा है, बल्कि कमेंट्री के क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। उनके विचार और अनुभव भारतीय क्रिकेट के कई पहलुओं को दर्शाते हैं, जो खिलाड़ियों और फैंस दोनों के लिए प्रेरणादायक हैं।