

पनियरा क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं को अगले कुछ दिनों तक थोड़ी असुविधा का सामना करना पड़ेगा। बिजली विभाग ने घोषणा की है कि पनियरा बिजली उपकेंद्र पर आवश्यक अनुरक्षण कार्यों के कारण 1 अगस्त से 3 अगस्त तक बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी।
पनियरा उपकेंद्र
Maharajganj: पनियरा क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। बिजली विभाग ने घोषणा की है कि पनियरा बिजली उपकेंद्र पर आवश्यक अनुरक्षण कार्यों के कारण 1 अगस्त से 3 अगस्त तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। यह कटौती क्षेत्र की 11 केवीए और 33 केवीए लाइनों की मरम्मत, पेड़-पौधों की कटाई तथा अन्य तकनीकी कार्यों के चलते की जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बिजली विभाग के एसडीओ राहुल द्विवेदी ने बताया कि इस तीन दिवसीय अवधि में स्वीच बोर्ड की धूल सफाई, पोषकों की टेस्टिंग और अन्य आवश्यक अनुरक्षण कार्य भी किए जाएंगे। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे इस निर्धारित कटौती के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था कर लें और विभाग को सहयोग प्रदान करें।
इन क्षेत्रों में होगी बिजली कटौती
बिजली आपूर्ति में व्यवधान के चलते पनियरा, बड़हरा, बनकटी, नयनसर, रतनपुर, महुअवा सहित कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यह अस्थायी कटौती उपभोक्ताओं को बेहतर और सुरक्षित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।
समय के भीतर कार्य पूरा करने का आदेश
इस दौरान विभागीय अधिकारी और कर्मचारी पूरे क्षेत्र में सुबह से ही कार्यरत रहेंगे ताकि निर्धारित समय के भीतर सभी कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए जा सकें। विभाग का लक्ष्य है कि किसी भी तकनीकी खामी को पहले ही ठीक कर लिया जाए जिससे भविष्य में उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए।
अगर किसी अप्रत्याशित कारणवश कार्य अधूरा रह जाता है या समयावधि में परिवर्तन होता है, तो उपभोक्ताओं को इसकी सूचना विभाग द्वारा समय पर दी जाएगी। विभाग ने सभी उपभोक्ताओं से धैर्य बनाए रखने और विभागीय कर्मचारियों के साथ समन्वय बनाए रखने की अपील की है।
यह अनुरक्षण कार्य ना केवल सिस्टम को मजबूत बनाएगा बल्कि आगामी त्योहारी सीजन या मानसून के दौरान बिजली व्यवस्था को दुरुस्त रखने में भी सहायक सिद्ध होगा। विभाग की यह पहल लंबे समय तक निर्बाध और सुरक्षित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम मानी जा रही है।