

महराजगंज जिले के सिसवा नगर स्थित चोखराज तुलस्यान इंटर कॉलेज में शुक्रवार को शिक्षक को हटाने पर बड़ा बवाल खड़ा हो गया। मामला छात्र संगठनों और पुलिस के टकराव तक पहुंच गया, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मारपीट का वीडियो वायरल
Mahrajganj: महराजगंज जनपद के सिसवा नगर में स्थित चोखराज तुलस्यान इंटरमीडिएट कॉलेज शुक्रवार को अचानक राजनीतिक और प्रशासनिक टकराव का केंद्र बन गया। विद्यालय में भौतिक विज्ञान के शिक्षक को हटाए जाने को लेकर उपजा विवाद इतना बढ़ गया कि मामला एबीवीपी और पुलिस के बीच सीधी भिड़ंत में तब्दील हो गया। इस दौरान जमकर तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना की शुरुआत तब हुई जब प्रार्थना सभा के दौरान कॉलेज प्रशासन ने फिजिक्स शिक्षक नंदन सिंह को हटाए जाने की घोषणा कर दी। छात्रों ने इसका विरोध करते हुए नारेबाजी, हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दी। मामला तूल पकड़ते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रांत संयोजक मयंक मणि त्रिपाठी अपने कार्यकर्ताओं के साथ कॉलेज पहुंचे और छात्रों के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 1, 2025
मीटिंग के बीच शुरू हो गई बहस
कॉलेज के भीतर बंद कमरे में प्राचार्य, स्थानीय थानेदार और एबीवीपी प्रतिनिधियों के बीच बातचीत शुरू हुई। लेकिन ये बैठक जल्द ही तनावपूर्ण बहस में बदल गई। वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि मयंक मणि त्रिपाठी शिक्षक को हटाए जाने के फैसले को छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बता रहे हैं। इसी बीच किसी बात को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच बहस तेज हो गई और धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
दोनों पक्षों को शांत कराने की हुई कोशिश
हालात को देखते हुए प्राचार्य ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की और शिक्षकों-छात्रों के साथ व्यवहार में सुधार की बात भी स्वीकार की। मौके पर मौजूद पुलिस ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन तब तक माहौल गरमाया हुआ था और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था।
इस प्रकरण के बाद शिक्षा व्यवस्था, कॉलेज प्रशासन और पुलिस के व्यवहार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एबीवीपी ने चेतावनी दी है कि अगर शिक्षक को बहाल नहीं किया गया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। फिलहाल, पूरे जिले में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना है कि प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है या हालात और बिगड़ते हैं।