

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची जारी कर दी है। राजनीतिक हलचल के बीच इस सूची को लेकर दलों में सक्रियता बढ़ गई है।
इलेक्शन कमीशन (Img: Google)
New Delhi: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। शुक्रवार, 1 अगस्त को भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य की प्रारूप मतदाता सूची जारी कर दी। इस ड्राफ्ट को सभी 38 जिलों में स्थित जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) द्वारा बिहार के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को फिजिकल और डिजिटल रूप में सौंपा गया है। अब, यह ड्राफ्ट वोटर लिस्ट चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट voters.eci.gov.in पर भी दोपहर 3 बजे अपलोड की गई जाएगी, जिससे सभी मतदाता अपना नाम जांच सकेंगे। अगर किसी का नाम ड्राफ्ट में नहीं है, तो वे चुनाव आयोग से आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
आपत्तियां देने का मिलेगा मौका
वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने इस संदर्भ में जानकारी दी कि बिहार के सभी मतदाताओं और राजनीतिक दलों को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां देने का मौका दिया जाएगा। इस दौरान, मतदाता अपने नाम को जोड़ने, हटाने या जानकारी में सुधार के लिए चुनाव आयोग से संपर्क कर सकेंगे।
65 लाख नाम हटाए गए
बिहार में इस बार एसआईआर प्रक्रिया के तहत लगभग 7.89 करोड़ मतदाताओं में से करीब 7.24 करोड़ मतदाताओं ने गणना फॉर्म जमा किए हैं। इसका मतलब है कि लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि इन नामों को हटाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि मतदाता की मृत्यु, स्थानांतरण, या एक से अधिक जगहों पर पंजीकरण होना।
इस वर्ष के ड्राफ्ट लिस्ट में 1 जुलाई 2025 तक 18 साल के होने वाले युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने नाम पंजीकरण के लिए फॉर्म 6 दाखिल करें। चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त से 1 सितंबर तक विशेष अभियान चलाने की योजना है, ताकि कोई भी पात्र मतदाता पंजीकरण से वंचित न रहे।
विपक्षी दलों का विरोध
हालांकि, चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया को लेकर बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के तौर पर पेश किया है और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया वोटों की चोरी करने का एक तरीका है। इसके विरोध में इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियों के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया है।
उनका कहना है कि एसआईआर की प्रक्रिया से बिहार के कई गरीब और कमजोर वर्गों के मतदाता प्रभावित होंगे, खासकर वे लोग जिनके पास आधार कार्ड या अन्य जरूरी दस्तावेज नहीं हैं। इसके अलावा, विपक्षी नेताओं ने इस प्रक्रिया को बिना सही तैयारी के लागू करने का आरोप भी लगाया है।
एसआईआर प्रक्रिया की भविष्यवाणी
चुनाव आयोग ने कहा है कि यह एसआईआर प्रक्रिया बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू की जाएगी। हालांकि, इससे जुड़े विवादों को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रक्रिया कब और कैसे पूरे देश में प्रभावी होगी। चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से आग्रह किया है कि वे दावे और आपत्तियां समय सीमा के भीतर दर्ज कराएं, ताकि संशोधित वोटर लिस्ट को सही और अपग्रेड किया जा सके।