

सावन माह में कांवड़ यात्रा रूट पर क्यू आर कोड और पहचान से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। यहां पढ़ें क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
कांवड़ रूट पर यूपी सरकार को नोटिस
New Delhi: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने की दुकानों और ढाबों के मालिकों की पहचान के लिये क्यूआर कोड लगाने का आदेश जारी किया गया। सरकार के इस आदेश पर जारी चर्चाओं की बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी है।
कांवड़ रूट पर स्थित दुकानों और ढ़ाबा मालिकों की पहचान को क्यू आर कोड के जरिए प्रदर्शित करने के सरकार के निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट में आज मंगलवार को सुनवाई हुई।
देश की शीर्ष अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी कर सवाल पूछे हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 22 जुलाई को होगी।
यूपी सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस याचिका में क्यूआर को कोड प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि क्यूआर कोड लगाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के अंतरिम आदेश के खिलाफ है जिसमें कहा गया था कि विक्रेताओं को उनकी पहचान उजागर करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। याचिका में सरकार के इस आदेश को असंवैधानिक बताया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह आदेश उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड यानी दोनों सरकार ने जारी किया था कि सभी दुकानदारों को क्यूआर कोड लगाना होगा, जिसमें दुकान के मालिक की सारी जानकारी होगी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों के सरकार से वजह पूजी और जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया।
जस्टिस एमएम सुंद्रेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मामले पर आज सुनवाई करते हुए कहा कि दोनों सरकारों को अगले मंगलवार तक यानी 22 जुलाई को क्यूआर कोड के आदेश का कारण सुप्रीम कोर्ट देना होगा। हालांकि कोर्ट में दोनों सरकार का पक्ष रखने वाले एडवोकेट जनरल जीतेंद्र कुमार सेठी ने दो हफ्ते का समय मांग है, जिसका विरोध वरिष्ठ एडवोकेड शादान फरासत ने किया।