

आधुनिक जीवन में डिजिटल उपकरणों की बढ़ती निर्भरता के कारण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। इस लेख में जानिए डिजिटल डिटॉक्स की अहमियत और इसे सफलतापूर्वक अपनाने के सरल तरीके।
डिजिटल डिटॉक्स (Img: Google)
New Delhi: आज के डिजिटल युग में हम अपने दिन का अधिकांश समय मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य डिजिटल उपकरणों के सामने बिताते हैं। काम, शिक्षा, मनोरंजन और संवाद का एक बड़ा हिस्सा अब ऑनलाइन होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस डिजिटल जीवनशैली का हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? इसी सवाल का जवाब है डिजिटल डिटॉक्स।
डिजिटल डिटॉक्स क्या है?
डिजिटल डिटॉक्स का मतलब है कुछ समय के लिए सभी डिजिटल उपकरणों से दूरी बनाना या उनके उपयोग को सीमित करना। इसका उद्देश्य मानसिक तनाव कम करना, नींद सुधारना और वास्तविक जीवन के अनुभवों को फिर से महसूस करना होता है।
क्यों है डिजिटल डिटॉक्स जरूरी?
डिजिटल डिटॉक्स कैसे करें?
विशेषज्ञों की सलाह
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि डिजिटल डिटॉक्स नियमित रूप से करने से तनाव कम होता है और व्यक्ति अधिक शांत और खुशहाल महसूस करता है। यह मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल का एक अहम हिस्सा बन चुका है।