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गोरखपुर के सहजनवां गीडा सेक्टर-15 स्थित इंडियन ऑयल प्लांट पर ट्रक चालकों ने मानदेय 25 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। मुख्य गेट पर कामकाज रोककर नारेबाज़ी की गई, जिससे लगभग एक घंटे तक संचालन प्रभावित रहा।
इंडियन ऑयल गीडा में ट्रक ड्राइवरों का प्रदर्शन
Gorakhpur: जनपद के सहजनवां गीडा सेक्टर-15 स्थित इंडियन ऑयल प्लांट पर मंगलवार को सिलेंडर ढुलाई करने वाले ट्रक चालकों ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। ट्रक चालकों ने प्लांट के मुख्य गेट पर कार्य का बहिष्कार कर नारेबाज़ी की, जिसके चलते करीब एक घंटे तक कामकाज प्रभावित रहा। प्रदर्शन में शामिल चालकों ने साफ कहा कि जब तक मानदेय 25 हजार रुपये प्रतिमाह नहीं किया जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
ट्रक चालकों ने आरोप लगाया कि ट्रांसपोर्टर के माध्यम से इंडियन ऑयल से सिलेंडर ढुलाई का काम कराया जाता है, लेकिन इसके बदले मिलने वाला मानदेय बहुत कम है। चालकों के अनुसार रोज़मर्रा की महंगाई व बढ़ते खर्च के बीच मौजूदा मानदेय में परिवार का खर्च चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। इस समस्या को लेकर करीब एक माह पहले प्लांट मैनेजर से लिखित व मौखिक शिकायत भी की गई थी, लेकिन आश्वासन के बाद भी अभी तक मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।
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चालकों ने कहा कि गैस सिलेंडरों की ढुलाई जोखिम भरा काम है। रास्ते की सुरक्षा, वाहन की देखभाल, रख-रखाव और ईंधन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए मानदेय बढ़ाना समय की आवश्यकता है। उनका कहना है कि लगातार मांग उठाने के बावजूद प्रबंधन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाना उनके साथ खुला अन्याय है। चालकों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी बातें नहीं सुनी गईं तो वे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को मजबूर होंगे, जिसका असर पूरे क्षेत्र में गैस आपूर्ति पर भी पड़ सकता है।
प्रदर्शन करने वालों में शैलेश, अमित मिश्रा, वीरेंद्र यादव, सिद्धनाथ यादव, महेंद्र सिंह, रमेश राय, रजवंत, विपिन सिंह, लोकेश वर्मा, लोकेश, सुरेश यादव, प्रदीप मिश्रा, मिथिलेश समेत दर्जनों ट्रक चालक मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि उनका संघर्ष अधिकारों की लड़ाई है और जब तक 25 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस बीच प्लांट प्रबंधन ने चालकों की मांगों पर विचार करने की बात कही है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी बाकी है। दूसरी ओर चालक संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक कामकाज सामान्य नहीं होने दिया जाएगा।
इंडियन ऑयल गीडा में चालकों का यह प्रदर्शन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और स्थानीय लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि प्रबंधन और चालकों के बीच कब तक समझौता होता है।