

नवादा जिले में इस बार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को काफी मजबूत किया गया है। चेक पोस्टों की तैनाती, सख्त जांच-पड़ताल और चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के उपायों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मतदान निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांति से संपन्न हो।
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Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर नवादा जिले में विशेष सुरक्षा और चौकसी बरती जा रही है। झारखंड से लगने वाली नवादा की 124 किमी लंबी सीमा रेखा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और अवैध गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।
नवादा एसपी अभिनव धीमान ने जानकारी दी कि जिले के सीमा क्षेत्रों में सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। खासतौर से झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह जिले से लगने वाली सीमा पर चौकसी बढ़ाई गई है, ताकि मतदाताओं को प्रलोभन देने वाली अवैध सामग्री (जैसे शराब और मादक पदार्थ आदि) की तस्करी न हो सके।
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44 चेक पोस्ट और तैनात पैरामिलिट्री फोर्स
चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देने से रोकने के लिए नवादा जिले में 44 चेक पोस्ट बनाए गए हैं। इनमें से 5 अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट और 37 जिला स्तर के चेक पोस्ट हैं, जबकि 2 अंतर जिला चेक पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं। इन चेक पोस्टों पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई है, जो सख्त जांच और निगरानी करेगी। अब तक 1 लाख 50 हजार लीटर शराब की बरामदगी भी की जा चुकी है, जो चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के प्रयासों को नाकाम करने की दिशा में अहम कदम है।
मतदान केंद्रों की विशेष व्यवस्था
नवादा जिले की सीमा के पास 20 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से 3 मतदान केंद्र गिरिडीह और 17 मतदान केंद्र कोडरमा जिले की सीमा के पास स्थित हैं। इन क्षेत्रों में आदर्श चुनाव व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए गए हैं। इसके अलावा, कौआकोल के सुदूर दनियां मतदान केंद्र पर भी मतदान कराने के लिए अधिकारियों और कर्मियों को भेजा जाएगा।
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इसके साथ ही हिसुआ विधानसभा के बकसंडा और वारिसलीगंज विधानसभा के सुदनपुर में 3 चलंत मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं, ताकि दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले मतदाता भी निर्भीक होकर वोट डाल सकें।
विधि-व्यवस्था पर चर्चा
जिले के सभी 5 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मतदान प्रेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। साथ ही चुनाव आयोग इस बार कुछ नवाचार कर रहा है, जिससे चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और निर्बाध हो सके। आगे की तैयारी में झारखंड राज्य के जिला प्रशासन के साथ बैठक करके विधि-व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इससे पहले की जाने वाली सभी गतिविधियां सही समय पर पूरी की जाएंगी ताकि चुनाव में कोई बाधा न आए।