रुद्रप्रयाग में हुआ कुछ ऐसा, जिससे बदल सकती है आपदा प्रबंधन की दिशा!

रुद्रप्रयाग में तीन दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ, जिसमें पुलिस और आपदा प्रबंधन बलों को ड्रोन तकनीक में दक्ष बनाया जा रहा है। एसपी अक्षय कोंडे ने इसे आपदा और बचाव कार्यों में तेजी और प्रभावशीलता बढ़ाने का कदम बताया।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 24 September 2025, 5:18 PM IST
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Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में पुलिस और आपदा प्रबंधन बलों को आपदा और बचाव कार्यों में दक्ष बनाने के लिए तीन दिवसीय ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रल्हाद कोंडे द्वारा गुलाबराय मैदान में किया गया।

प्रशिक्षण पर एसपी कोंडे का बयान

एसपी कोंडे ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि अब समय की मांग है कि हर पुलिसकर्मी और बचावकर्मी तकनीकी रूप से दक्ष हो, ताकि किसी भी आपदा या बड़े बचाव अभियान में तेजी, सुरक्षित और प्रभावी तरीके से काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक से आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में बड़ी मदद मिल सकती है, और इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।

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ड्रोन तकनीक में दक्षता प्राप्त करने के लिए दिया गया बुनियादी प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के पहले दिन प्रतिभागियों को ड्रोन संचालन की बुनियादी जानकारी दी गई। इस दौरान उन्हें ड्रोन के प्रकार, उसके उपकरण, रख-रखाव, उड़ान नियम, और सुरक्षित उड़ान तकनीक के बारे में बताया गया। इसके साथ ही, ड्रोन के व्यावहारिक उपयोग पर जोर दिया गया, ताकि प्रशिक्षित पुलिसकर्मी और बचावकर्मी किसी भी आपदा के समय इसे सही तरीके से संचालित कर सकें।

अधिकारियों ने बताया कि इस प्रशिक्षण में ड्रोन की निगरानी क्षमता, नियंत्रण तकनीक, और फील्ड में रियल-टाइम डेटा के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे पुलिसकर्मी और आपदा प्रबंधन बल यह समझ सकेंगे कि किस तरह से ड्रोन को विभिन्न परिस्थितियों में प्रभावी रूप से उपयोग किया जा सकता है।

व्यावहारिक प्रशिक्षण और रियल-टाइम डेटा उपयोग पर जोर

प्रशिक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों और बचावकर्मियों को व्यावहारिक अभ्यास कराया गया, जिसमें ड्रोन उड़ाने का वास्तविक अनुभव प्राप्त हुआ। इसमें ड्रोन की निगरानी क्षमता, नियंत्रण तकनीक, और डेटा संग्रहण का अभ्यास कराया गया। इसके अलावा, ट्रेनीज को यह भी समझाया गया कि कैसे रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके घटनास्थल की स्थिति का सही मूल्यांकन किया जा सकता है, ताकि बचाव अभियान को तेजी से और प्रभावी तरीके से चलाया जा सके।

एसपी कोंडे ने कहा कि ड्रोन तकनीक का उपयोग आपातकालीन स्थितियों में समय की बचत करता है और इसे बिना किसी जोखिम के तेजी से काम करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। उनका मानना है कि यह प्रशिक्षण जिला पुलिस और आपदा प्रबंधन बलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि भविष्य में बड़ी आपदाओं के दौरान ड्रोन की भूमिका बेहद अहम हो सकती है।

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अधिकारियों और प्रशिक्षणार्थियों की राय

एसपी रुद्रप्रयाग ने बताया कि भविष्य में ड्रोन तकनीक को पुलिस और आपदा प्रबंधन कार्यों में और अधिक समाविष्ट किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रशिक्षण हर स्तर के पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के लिए लाभकारी होगा। साथ ही, यह कार्यक्रम बचाव कार्यों की कार्यक्षमता को और बढ़ाएगा।

प्रशिक्षण में भाग ले रहे एक अधिकारी ने कहा, "हमारे लिए यह अनुभव बेहद महत्वपूर्ण है। ड्रोन के माध्यम से आपदा क्षेत्रों में बचाव कार्य तेजी से किए जा सकते हैं और समय पर मदद पहुंचाई जा सकती है।"

Location : 
  • Rudraprayag

Published : 
  • 24 September 2025, 5:18 PM IST