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रामनगर के ग्राम पूछड़ी में अवैध अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुए परिवारों के पुनर्वास की मांग को लेकर सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने विधायक और SDM को ज्ञापन सौंपा। पीड़ित परिवार लगातार ठंड में बिना आश्रय के रह रहे हैं। 20 दिसंबर तक कार्रवाई न होने पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी गई।
रामनगर के पूछड़ी में अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुए परिवार
Ramnagar: ग्राम पूछड़ी क्षेत्र में हाल ही में हुए अवैध अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुए परिवारों ने पुनर्वास की मांग को लेकर गुरुवार को एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। मालिकाना हक संघर्ष समिति के अध्यक्ष एस. लाल, ब्लॉक प्रमुख मंजू नेगी और ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में पीड़ित परिवारों और विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट और एसडीएम प्रमोद कुमार को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने के बाद सभी लोग तहसील परिसर में पहुंचे, जहां उन्होंने सांकेतिक धरना देकर प्रदेश सरकार, प्रशासन और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। धरना स्थल पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो कर दी, लेकिन प्रभावित परिवारों के लिए न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई और न ही पुनर्वास की योजना तैयार की गई।
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वक्ताओं ने कहा कि कार्रवाई को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन जिन परिवारों के आशियाने तोड़े गए, वे अब भी खुले आसमान के नीचे ठंड में रातें बिताने को मजबूर हैं। न तो उनके लिए खाने की व्यवस्था की गई है और न ही रहने की।
सभा में बताया गया कि कई परिवारों में छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं, जो ठंड में बीमारियों के खतरे से जूझ रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि वन विभाग और सरकार को मानवीय संवेदना दिखाते हुए इन परिवारों का तुरंत पुनर्वास करना चाहिए।
खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहे परिवार
धरना स्थल पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं, पंचायत प्रतिनिधियों और राजनीतिक संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने 20 दिसंबर तक पुनर्वास की ठोस व्यवस्था नहीं की, तो 21 दिसंबर से तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक हुआ तो वे इस मामले को उच्च न्यायालय तक ले जाएंगे।
ब्लॉक प्रमुख मंजू नेगी एवं ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने से पहले प्रभावितों के पुनर्वास की योजना तैयार नहीं की, जो कि गंभीर लापरवाही है। उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित परिवारों को उचित आवास, भोजन और सुरक्षा नहीं मिल जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मालिकाना हक संघर्ष समिति के अध्यक्ष एस. लाल ने कहा कि प्रशासन ने केवल कार्रवाई की, लेकिन उसके परिणामों पर ध्यान नहीं दिया। “हम बेघर परिवारों को यूँ ही ठंड में मरने नहीं देंगे,” उन्होंने कहा।
मौके पर मौजूद पीड़ित परिवार लगातार रोष जताते रहे। उनका कहना है कि रात में खुले में रहना मुश्किल हो रहा है। कई लोगों ने बताया कि उनके पास न तो पर्याप्त कपड़े हैं और न ही खाना। परिवारों ने मांग की कि उन्हें अस्थायी आश्रय शिविर, राशन और गर्म कपड़ों की तुरंत व्यवस्था कराई जाए।