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रामनगर में अतिक्रमण में प्रभावित हुए परिवार कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इस बीच बुधवार को ब्लॉक प्रमुख मंजू नेगी ने प्रभावितों का हालचाल जाना।
मंजू नेगी ने अतिक्रमण में प्रभावित हुए परिवारों का जाना हाल
Nainital: रामनगर में अतिक्रमण में प्रभावित हुए परिवार कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इस बीच बुधवार को ब्लॉक प्रमुख मंजू नेगी ने प्रभावितों का हालचाल जाना।
गौरतलब है कि बीती रविवार को प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त टीम ने ग्राम पूछडी में वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई की थी। प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र में 52 अवैध अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की गई थी। तीन दिन बीतने के बाद भी पीड़ित परिवार आज भी इस कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे अपने मासूम बच्चों के साथ जिंदगी जीने को मजबूर है।
पीड़ित परिवारों ने बताया कि आशियाना टूटने के बाद उनका सब कुछ बिखर गया। अब उनका परिवार रोटी रोटी के लिए मौहताज है लेकिन सत्ता और विपक्ष के लोग राशन देना तो दूर इन परिवारों का दुख जानने के लिए भी मौके पर नहीं पहुंचे। जिससे अब पीड़ित परिवारों का रोष इन प्रतिनिधियों के खिलाफ भड़कने लगा है।
रामनगर में अतिक्रमण में प्रभावितों से मिलते प्रमुख और ज्येष्ठ प्रमुख
बुधवार को ब्लॉक प्रमुख मंजू नेगी, ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी एवं ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष नवीन सती के अलावा कई पंचायत प्रतिनिधि इन पीड़ित परिवारों का दुख दर्द जानने के लिए मौके पर पहुंचे जहां पीड़ित परिवारों ने अपनी दुख भरी कहानी बताते हुए प्रशासन पर अतिक्रमण हटाने के दौरान अभद्रता एवं उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
ब्लॉक प्रमुख मंजू नेगी एवं ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहां कि अब पीड़ित परिवारों की लड़ाई पंचायत प्रतिनिधि लड़ेंगे चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अब इस मामलों को लेकर उच्च न्यायालय जाने के साथ ही सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्षी के लोग केवल ऐसे लोगों को चुनाव के दौरान वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अब ऐसी पार्टियों को 2027 के विधानसभा चुनाव में इसका परिणाम भुगतना होगा।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद बने अनिल बलूनी ने ऐसे सभी लोगों को मलिकाना हक एवं वन ग्रामों को राजस्व गांव बनाने की कसम खाई थी लेकिन आज चुनाव जीतने के बाद वह जहां एक और अपनी कसम भूल गए तो वहीं रामनगर विधानसभा की जनता से भी उन्होंने अपनी दूरी बना ली है। साथ उन्होंने स्थानीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट द्वारा भी इस मामले में चुप्पी साधने पर उन पर भी कई सवाल खड़े किए हैं।