

उत्तराखंड में पेपर लीक के विरोध में चल रहे धरना में अचानक राजनीतिक रंग छाने लगा। ‘फलीस्तीन जिंदाबाद’ के नारे लगे, जिससे युवाओं में असमंजस फैला। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, युवाओं से देश विरोधी षड्यंत्र से बचने की अपील।
पेपर लीक विरोध प्रदर्शन में फलीस्तीन नारे (सोर्स- इंटरनेट)
Dehradun: परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर पेपर लीक मामले को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन में रविवार को नया मोड़ देखने को मिला। शनिवार को दिशा नामक एक संगठन ने प्रदर्शन में एंट्री की, जिसके बाद माहौल में अचानक राजनीतिक रंग छाने लगे। इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने ‘फलीस्तीन जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए, जिससे प्रदर्शन का स्वरूप बदला।
प्रदर्शन के दौरान न केवल ‘हमें चाहिए आज़ादी’ के नारे गूंजे, बल्कि कुछ युवाओं ने यह भी कहा कि उत्तराखंड में नेपाल जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। इस तरह के नारे और बयानबाजी विरोध प्रदर्शन के मुख्य उद्देश्य से भटकाव की ओर संकेत कर रहे हैं। अब ऐसा लगने लगा है कि कुछ संगठनों ने मंच का इस्तेमाल अपने राजनीतिक एजेंडों को आगे बढ़ाने के लिए शुरू कर दिया है।
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फलीस्तीन समर्थक नारों के चलते विरोध प्रदर्शन में शामिल अधिकतर अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं। वे केवल परीक्षा रद्द कराने और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे थे, लेकिन अब प्रदर्शन का स्वरूप बदलने लगा है। इस बदलाव ने प्रदर्शन की पवित्रता को प्रभावित किया है और युवाओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है।
सोर्स- इंटरनेट
इन राजनीतिक नारेबाजी और बयानबाजी को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अब इस धरना स्थल पर कड़ी नजर रख रही हैं। वे किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अधिकारियों का मानना है कि प्रदर्शन का राजनीतिकरण समाज में तनाव बढ़ा सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित रखना आवश्यक है।
उत्तराखंड संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट ने युवाओं से देश विरोधी और राज्य विरोधी षड्यंत्रों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आंदोलन की आड़ में कुछ लोग ऐसे एजेंडे आगे बढ़ा रहे हैं जो देश और राज्य के हित में नहीं हैं।
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मधु भट्ट ने कहा कि सरकार ने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में लगभग 25 हजार युवाओं को लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ चयन आयोग और चिकित्सा सेवा चयन आयोग के माध्यम से सरकारी नौकरी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि राज्य में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर आ चुका है और करीब 81 हजार नौकरियां सृजित हुई हैं।