

मानसून 2025 में रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि और प्राकृतिक आपदाओं से हुए व्यापक नुकसान का आकलन करने के लिए भारत सरकार की PDNA टीम ने निरीक्षण किया और भविष्य के पुनर्निर्माण कार्यों के लिए आंकड़े जुटाए।
PDNA टीम ने किया निरीक्षण
Rudraprayag: मानसून सत्र 2025 के दौरान रुद्रप्रयाग जनपद में हुई अतिवृष्टि और प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई विभागीय और सार्वजनिक परिसंपत्तियों को व्यापक क्षति पहुंची। इन घटनाओं के कारण कई सड़कें, पुल, भवन, कृषि भूमि और जल निकासी तंत्र बुरी तरह प्रभावित हुए। इस क्षति का समग्र आकलन एवं भविष्य की पुनर्वास और पुनर्निर्माण योजनाओं को तैयार करने के उद्देश्य से भारत सरकार की Post Disaster Need Assessment (PDNA) टीम रुद्रप्रयाग पहुंची।
भारत सरकार की PDNA टीम ने रुद्रप्रयाग में नगर पंचायत अगस्त्यमुनि में नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें विभिन्न विभागों से जुड़े आंकड़े और नुकसान का आकलन किया गया। बैठक में यह तय किया गया कि हर विभाग से संबंधित आंकड़े जुटाए जाएंगे ताकि पुनर्निर्माण और पुनर्वास योजनाओं का सही तरीके से निर्धारण किया जा सके।
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भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर उन क्षेत्रों का निरीक्षण किया जो अतिवृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। जनपद में हुई क्षति का पूरा आकलन करने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में इन समस्याओं से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
भारत सरकार की PDNA टीम ने रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकलन किया। नोडल अधिकारियों के साथ बैठक में विभागवार आंकड़े जुटाए गए ताकि पुनर्निर्माण और पुनर्वास योजनाओं की दिशा तय की जा सके। जल्द ही राहत कार्यों को तेज़ी से लागू किया जाएगा।#Rudraprayag #PDNA… pic.twitter.com/hE29ZVop6w
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 27, 2025
रुद्रप्रयाग जिले में हुए नुकसान का व्यापक स्तर पर आकलन किया गया है। विभागवार आंकड़े एकत्रित किए गए हैं, जिनमें सड़कें, पुल, जल निकासी तंत्र, कृषि भूमि, बिजली लाइनें, और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की क्षति का विवरण शामिल है। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि इन आंकड़ों का उपयोग भविष्य में पुनर्निर्माण योजनाओं के लिए किया जाएगा, जिससे आने वाले समय में इन समस्याओं को बेहतर तरीके से हल किया जा सके।
PDNA टीम के अधिकारियों का कहना है कि इस आकलन के बाद अगले चरण में पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कार्यों की दिशा तय की जाएगी। सरकारी सहायता से प्रभावित क्षेत्रों में जनसुविधाएं फिर से बहाल करने की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही उन क्षेत्रों में भी पुनर्निर्माण कार्यों की प्राथमिकताएं निर्धारित की जाएंगी जो जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए सटीक और प्रभावी योजनाएं तैयार की जाएं। यह प्रयास इस बात का संकेत है कि सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर गंभीर है और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
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स्थानीय अधिकारियों ने भी PDNA टीम के कार्यों में पूरा सहयोग दिया और आपदा के बाद स्थिति की गंभीरता को स्पष्ट किया। रुद्रप्रयाग जिले के प्रशासन ने कहा कि विभागीय आंकड़े जल्द ही तैयार कर लिए जाएंगे, जिससे पुनर्निर्माण कार्यों को सुचारू रूप से शुरू किया जा सके।