कोलकाता में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.6 तीव्रता; जानें कहां रहा इसका केंद्र

कोलकाता और आसपास के जिलों में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई। झटके बांग्लादेश के टुंगी में आए भूकंप के केंद्र से महसूस किए गए। उत्तर बंगाल के कूचबिहार और दिनाजपुर में भी कंपन महसूस किए गए।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 21 November 2025, 10:59 AM IST
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Kolkata: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शुक्रवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके 10 बजकर 10 मिनट पर आए और रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 5.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश बांग्लादेश के टुंगी में था। झटके महसूस होने के बाद शहर के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और खुले स्थान पर इकट्ठा हुए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप के झटके कोलकाता, आसपास के जिलों और उत्तर बंगाल में भी महसूस किए गए। विशेषकर कूचबिहार और दिनाजपुर में तेज कंपन आए। हालांकि राज्य भर से किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

पाकिस्तान में भी आया तड़के कांपी धरती

वहीं आज पाकिस्तान में शुक्रवार तड़के एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 3:09 बजे आए इस भूंकप की तीव्रता 5.2 मैग्नीट्यूड मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन के 135 किलोमीटर नीचे था, जिससे कंपन व्यापक क्षेत्र में महसूस किए गए। राहत की बात यह है कि फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।

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अफगानिस्तान में आया पहला झटका

भारत के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने बताया कि पाकिस्तान के झटकों से पहले 1:59 बजे रात अफगानिस्तान में भूकंप आया था। इसका केंद्र लगभग 190 किलोमीटर की गहराई पर था। गहरी सतह पर आने वाले भूकंप सामान्यतः कम नुकसानदायक होते हैं, क्योंकि कंपन सतह तक पहुंचते-पहुंचते कमजोर हो जाते हैं।

लेकिन पाकिस्तान में आया दूसरा झटका अपेक्षाकृत कम गहराई पर था, इसलिए उसके असर ज्यादा महसूस किए गए। दोनों देशों में तड़के कंपन महसूस होने से लोगों में घबराहट फैल गई, हालांकि कहीं भी बड़ा नुकसान सामने नहीं आया।

भूकंप क्यों आते हैं?

भूंकप पृथ्वी की सतह में मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधियों का परिणाम है। धरती की बाहरी सतह, जिसमें क्रस्ट और ऊपरी मेंटल आते हैं, लगभग 15 बड़ी और छोटी प्लेटों से बनी है। ये प्लेट्स स्थिर नहीं हैं और धीरे-धीरे इधर-उधर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे के सापेक्ष चलती हैं और रगड़ खाती हैं, तो ऊर्जा संचित होती है।

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यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, प्लेटों के किनारों पर जमा तनाव जब फ्रिक्शन की क्षमता से अधिक हो जाता है, तो यह ऊर्जा अचानक रिलीज होती है। यह ऊर्जा लहरों के रूप में धरती की सतह तक पहुंचती है, जिसे हम भूकंप के झटके के रूप में महसूस करते हैं। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है।

भूकंप आने पर क्या करें?

विशेषज्ञों ने नागरिकों को भूकंप के दौरान संयम बनाए रखने की सलाह दी है। कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस प्रकार हैं-

  • अगर आप हाई-राइज बिल्डिंग में हैं, तो पहले या दूसरे फ्लोर से तुरंत बाहर निकलें।
  • खुले स्थान पर पहुंचें और ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों या पेड़ों से दूर रहें।
  • घबराएं नहीं और दूसरों की मदद के लिए तैयार रहें

भूकंप हमेशा अचानक आता है, लेकिन सही तैयारी और जागरूकता के साथ इसके प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

Location : 
  • Kolkata

Published : 
  • 21 November 2025, 10:59 AM IST