यूपी में STF का बड़ा खुलासा; फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, मामले में 3 गिरफ्तार

आज एसटीएफ ने मेरठ में एक गैंग का पर्दाफाश किया, जो छात्रों से पैसे लेकर उनकी हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट मार्कशीट में अंक बढ़ाता था और फर्जी बैक डेट की मार्कशीट यूपी ओपन स्कूल बोर्ड से बनवाता था। गिरोह के तीन अपराधी गिरफ्तार हुए और उनके पास से विभिन्न स्कूलों की मोहरें, कंप्यूटर हार्डवेयर, और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए। आरोपी छात्रों से 10 से 15 हजार रुपये लेते थे और 10 वर्षों से यह अवैध कारोबार कर रहे थे।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 12 August 2025, 3:15 PM IST
google-preferred

Meerut: उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो छात्रों से मोटी रकम लेकर उनके हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की मार्कशीट में अवैध रूप से अंक बढ़ाकर उन्हें उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश दिलवाता था।

बता दें कि यह गिरोह यूपी ओपन स्कूल बोर्ड से फर्जी बैक डेट की मार्कशीट भी तैयार कर छात्रों को उपलब्ध कराता था। एसटीएफ ने गिरोह के तीन मुख्य अपराधियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, स्कूलों की मोहरें, कंप्यूटर हार्डवेयर और अन्य सामान बरामद किया।

गिरफ्तार अपराधियों की पहचान
1. जितेन्द्र (पुत्र साधू सिंह) निवासी सी-28 पाण्डव नगर, थाना सिविल लाइन, मेरठ।
2. शिवकुमार (पुत्र राकेश कुमार) निवासी 397/9 अपोजिट केएल इंटरनेशनल स्कूल जागृति बिहार, थाना मेडिकल, मेरठ।
3. निखिल तोमर (पुत्र बादाम सिंह) निवासी 57 आशानगर जेल चुंगी, थाना मेडिकल, मेरठ।

एसटीएफ की कार्रवाई
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि मेरठ में कुछ अपराधी छात्रों से पैसे लेकर उनकी मार्कशीट में अंक बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। यह गिरोह उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए आवश्यक अंक बढ़ाकर छात्रों को अवैध रूप से प्रवेश दिलवाता था। साथ ही, यूपी ओपन स्कूल बोर्ड से बिना परीक्षा दिए बैक डेट की मार्कशीट भी तैयार की जाती थी।

इसके बाद एसटीएफ की टीम ने निरीक्षक संजय कुमार के नेतृत्व में कार्यवाही शुरू की। टीम को मुखबिर से जानकारी मिली कि मेरठ के गंगानगर इलाके में एक घर में इन अपराधियों द्वारा फर्जी मार्कशीट और अन्य दस्तावेज तैयार किए जा रहे थे। इस सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ ने मुखबिर के साथ मिलकर उक्त स्थान पर छापा मारा और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।

बरामद सामान
1. एक कंप्यूटर सीपीयू
2. एक प्रिंटर
3. एक एक्सटर्नल हार्डडिस्क
4. 10 विभिन्न स्कूलों की मोहरें
5. 25 हाईस्कूल की मार्कशीट, यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद
6. 49 इण्टरमीडिएट की मार्कशीट, यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद
7. 2 यूपी राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की मार्कशीट
8. 2 टीसी (Transfer Certificate)
9. 1 सनद (Certificate)
10. एक गाड़ी (नं. यूपी-14 एफएफ-8044 ओरा)

अपराधियों का खुलासा
पूछताछ में यह पता चला कि ये अपराधी छात्रों से 10 से 15 हजार रुपये लेकर उनकी मार्कशीट में अंक बढ़ाते थे। इसके बदले में छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश मिल जाता था। साथ ही, इनका एक साथी लखनऊ में रहता था, जो बिना परीक्षा लिए बैक डेट की मार्कशीट तैयार कर देता था।

इसके लिए छात्रों से 10 से 15 हजार रुपये लिए जाते थे और लखनऊ में उनके साथी को प्रति मार्कशीट 5000 रुपये भेजे जाते थे। यह गिरोह पिछले 10 वर्षों से सक्रिय था। इसके अलावा, यदि किसी छात्र को टीसी की आवश्यकता होती, तो यह लोग उसका फर्जी टीसी बनाकर देते थे, जिसके लिए वे प्रति छात्र 3000 रुपये वसूल करते थे।

कानूनी कार्यवाही
गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ थाना गंगानगर, मेरठ में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इन पर धारा 318(4), 336(3), 338, 340(2), 3(5), 61(2) क बीएनएस के अंतर्गत अभियोग दर्ज किए गए हैं। अब इस मामले में अग्रिम कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जाएगी।

Location : 
  • Meerut

Published : 
  • 12 August 2025, 3:15 PM IST