भगवान राम को ‘अभियुक्त’ बताकर फंसे कवि वैरामुथु, इस बयान पर मचा बवाल

तमिल गीतकार और कवि वैरामुथु विवादों में हैं। उन्होंने भगवान राम को “अभियुक्त जिसे माफ कर दिया गया” कहकर सनातन मान्यताओं पर सवाल खड़े कर दिए। कम्ब रामायण पर आधारित एक कार्यक्रम में वैरामुथु ने बाली और राम के संवाद की व्याख्या करते हुए यह दावा किया कि सीता को खोने के बाद राम विवेकहीन हो गए थे और भारतीय दंड संहिता की धारा 84 के तहत उनके कार्यों को अपराध नहीं माना जा सकता। बीजेपी और हिन्दू संगठनों ने वैरामुथु पर तीखा हमला बोला है और उनके बयान को भगवान राम का अपमान बताया है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 12 August 2025, 2:35 PM IST
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New Delhi: प्रसिद्ध तमिल कवि और गीतकार वैरामुथु एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार विवाद की वजह बनी है भगवान श्रीराम पर उनकी की गई एक टिप्पणी, जिसमें उन्होंने कहा कि "राम अभियुक्त थे जिन्हें माफ कर दिया गया।" यह टिप्पणी उन्होंने कम्ब रामायणम के रचयिता कम्बर के नाम पर आयोजित एक पुरस्कार समारोह में की।

रामायण को लेकर कही बड़ी बात

वैरामुथु ने अपने भाषण में कम्ब रामायण के एक प्रसिद्ध संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि राम और बाली के बीच का संवाद राम के चरित्र को लेकर कई प्रश्न खड़े करता है। उन्होंने बाली द्वारा कहे गए कथनों की व्याख्या करते हुए कहा कि राम ने जिस तरह बाली का वध किया, वह सवालों के घेरे में आता है।

राम को 'अभियुक्त' बताने पर विवाद

वैरामुथु ने अपने भाषण में कहा, “कम्बर द्वारा लिखित रामायण में बाली कहते हैं कि राम ने अपने भाई के लिए राज्य त्यागा, लेकिन वन में बाली का राज्य उसके भाई सुग्रीव को सौंप दिया। सीता को खोने के बाद राम मानसिक संतुलन खो बैठे थे और जो उन्होंने किया, वह भारतीय दंड संहिता की धारा 84 के अनुसार अपराध नहीं माना जा सकता।” उन्होंने आगे कहा, “राम अभियुक्त थे जिन्हें बरी कर दिया गया, क्षमा कर दिया गया और वे एक सामान्य मानव बन गए। वहीं कम्बर, जिन्होंने समाज की नब्ज को पहचाना, वे 'भगवान' बन गए।” वैरामुथु के इस बयान ने हिंदू आस्थावानों में रोष की लहर पैदा कर दी है।

बीजेपी का तीखा हमला

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने वैरामुथु के इस बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “वैरामुथु बार-बार पवित्र हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करते रहे हैं। इस बार उन्होंने भगवान राम को मानसिक रूप से विक्षिप्त कहकर कम्ब रामायण की गलत व्याख्या की है। यह हिंदू धर्म का घोर अपमान है।”

केसवन ने यह भी तंज कसा कि विडंबना यह है कि वैरामुथु के नाम में भी ‘राम’ शब्द शामिल है, फिर भी वे भगवान राम का अपमान करने से नहीं चूकते।

हिंदू संगठनों का विरोध

वैरामुथु के इस बयान पर तमिलनाडु की राजनीति में भी हलचल देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर विरोध तेज़ हो गया है। कई हिंदू संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने वैरामुथु से सार्वजनिक माफी की मांग की है। कुछ ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात भी कही है। इस बीच DMK और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विरोधियों ने इसे “सनातन विरोधी मानसिकता” का उदाहरण बताया है।

वैरामुथु की सफाई अभी तक नहीं

विवाद बढ़ने के बावजूद वैरामुथु की ओर से अब तक कोई सफाई नहीं आई है। यह पहला मौका नहीं है जब वे धार्मिक विषयों पर बयान देकर विवादों में आए हों। इससे पहले भी वे आस्था और संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर कई बार टिप्पणी कर चुके हैं, जिन पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थीं।

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  • 12 August 2025, 2:35 PM IST