

गोरखपुर जीआरपी ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 340 गुम हुए एंड्रॉइड मोबाइल बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटा दिए। लगभग 75 लाख रुपये मूल्य के इन मोबाइलों की रिकवरी जीआरपी की तकनीकी दक्षता और समर्पण का प्रमाण है। सर्विलांस सेल की टीम ने अथक प्रयास और निगरानी से यह उपलब्धि हासिल की।
खोया मोबाइल वापस पाकर खुशी से खिल उठे लोग
Gorakhpur: राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) अनुभाग गोरखपुर ने एक बार फिर अपनी तकनीकी कुशलता और समर्पण का परिचय देते हुए 340 खोए हुए एंड्रॉइड मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटा दिए। इन मोबाइलों की अनुमानित कीमत लगभग 75 लाख रुपये आंकी गई है। इस अभियान ने न केवल लोगों का खोया विश्वास वापस जीता, बल्कि जीआरपी की कार्यकुशलता को भी रेखांकित किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह अभियान अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे प्रकाश डी और पुलिस उपमहानिरीक्षक रेलवे लखनऊ सुधा सिंह के निर्देशन में संचालित किया गया। पुलिस अधीक्षक रेलवे गोरखपुर लक्ष्मी निवास मिश्र के मार्गदर्शन और पुलिस उपाधीक्षक रेलवे बलिया सविरत्न गौतम और पुलिस उपाधीक्षक रेलवे गोरखपुर विनोद कुमार सिंह के विशेष पर्यवेक्षण में यह सफलता हासिल हुई। जुलाई 2025 में जीआरपी गोरखपुर की सर्विलांस सेल ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों में व्यापक अभियान चलाया।
सर्विलांस की टीम में ये रहे शामिल
सर्विलांस सेल की टीम, जिसमें प्रभारी उपनिरीक्षक कुलदीप यादव, हेड कांस्टेबल सुभाष चंद, कांस्टेबल संतोष कुमार और कांस्टेबल अनीश यादव शामिल थे, जिन्होंने तकनीकी निगरानी और अथक प्रयासों से मोबाइलों की लोकेशन ट्रेस की। सटीक तकनीक और समन्वित प्रयासों से 340 मोबाइल फोन बरामद किए गए और उनके मालिकों की पहचान कर उन्हें सौंपा गया।
मोबाइल वापस पाकर खिल उठे चेहरे
12 अगस्त को गोरखपुर में आयोजित एक समारोह में पुलिस अधीक्षक रेलवे लक्ष्मी निवास मिश्र और पुलिस उपाधीक्षक सविरत्न गौतम ने 100 से अधिक मालिकों को उनके मोबाइल व्यक्तिगत रूप से सौंपे। शेष मालिकों को सूचित कर जीआरपी कार्यालय से फोन लेने के लिए कहा गया है। अपने खोए मोबाइल वापस पाकर लोग खुशी से झूम उठे। कई मालिकों ने बताया कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन जीआरपी की मेहनत ने उनकी उम्मीदों को पंख दिए।
इस अभियान की सफलता ने न केवल जीआरपी गोरखपुर की कार्यक्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि आम लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास को भी मजबूत किया। मालिकों ने जीआरपी की इस पहल की जमकर सराहना की और इसे एक मिसाल बताया। यह उपलब्धि तकनीक और समर्पण के सही तालमेल का जीता-जागता उदाहरण है।
बरामदगी का सामान
कुल मोबाइल बरामद: 340
अनुमानित कीमत: 75 लाख रुपये
बरामदगी स्थान: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिले
अन्य राज्य टीम के प्रमुख सदस्य: उपनिरीक्षक कुलदीप यादव (प्रभारी सर्विलांस सेल), हेड कांस्टेबल सुभाष चंद, कांस्टेबल संतोष कुमार और कांस्टेबल अनीश यादव