

गोरखपुर ने “विकसित भारत- 2047” अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा सुझाव प्राप्त कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। प्रशासन का कहना है कि इस अभियान से गोरखपुर का विकास और भी सशक्त होगा। ग्रामीण इलाकों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले ने "विकसित भारत–2047" के विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है। जिले ने आम जनता से प्राप्त सुझावों के मामले में नया रिकॉर्ड बनाते हुए 1,00,000 का आंकड़ा पार कर लिया। इस अभियान के तहत गोरखपुर ने प्रदेश के टॉप टेन जिलों में छठे स्थान पर अपनी जगह बनाई है, जो कि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) शाश्वत त्रिपुरारी ने बताया कि 7 अक्टूबर 2025 तक कुल 1,01,812 नागरिकों ने अपने सुझाव दिए हैं। इनमें से 85,300 सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 16,512 शहरी क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह संख्या लगातार बढ़ रही है और इससे साफ है कि ग्रामीण इलाकों में इस अभियान को लेकर विशेष उत्साह है।
सीडीओ त्रिपुरारी ने बताया कि एक दिन पहले तक ग्रामीण इलाकों से 66,525 सुझाव मिले थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 85,300 हो चुकी है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में जनसहभागिता की भावना तेजी से बढ़ रही है और लोग अपने सुझाव देने में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
21 साल पुराने मर्डर केस में आरोपी को उम्रकैद, गोरखपुर कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर के नागरिक न केवल जागरूक हैं, बल्कि विकास की दिशा में सक्रिय रूप से भागीदार भी बन रहे हैं। उनका कहना था, "यह अभियान सिर्फ सुझाव लेने का नहीं, बल्कि जनता के विचारों से भविष्य की रूपरेखा तैयार करने का प्रयास है।" नागरिकों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, कृषि, बुनियादी ढांचा और पर्यावरण जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए हैं।
गोरखपुर का लगातार टॉप टेन जिलों में बने रहना, यहां के नागरिकों की सकारात्मक सोच और जिम्मेदारी को दर्शाता है। सीडीओ त्रिपुरारी ने इसे जिले की प्रगति की ओर एक बड़ा कदम माना और कहा कि यह विश्वास है कि गोरखपुर भविष्य में प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल होगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि जो लोग अब तक अपने सुझाव नहीं दे पाए हैं, वे क्यूआर कोड स्कैन कर सुझाव अवश्य दर्ज करें ताकि गोरखपुर का विकास और भी सशक्त हो सके।
इस उपलब्धि के साथ गोरखपुर ने प्रदेश में संभल के बाद दूसरे स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत की है। वहीं, महाराजगंज जिला चौथे से पांचवे स्थान पर खिसक गया है और लखनऊ नौवें स्थान पर आ गया है। गोरखपुर की यह प्रगति न केवल जिले के नागरिकों की जागरूकता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गोरखपुर का विकास मॉडल अब अधिक सशक्त और प्रभावी होता जा रहा है।