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दुबई एयरशो में तेजस फाइटर जेट क्रैश के बाद आर्मेनिया ने भारत के साथ 1.2 बिलियन डॉलर की तेजस खरीद बातचीत रोक दी है। यह तेजस की पहली संभावित विदेशी डील मानी जा रही थी। हादसे में भारतीय पायलट की मौत हुई थी। दोनों सरकारों की ओर से आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है।
तेजस विमान
New Delhi: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की पहली संभावित विदेशी डील पर संकट गहराता दिख रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मेनिया ने भारत से तेजस फाइटर जेट खरीदने की बातचीत अस्थायी तौर पर रोक दी है। यह निर्णय 21 नवंबर को दुबई एयरशो में हुए तेजस के क्रैश हादसे के बाद लिया गया बताया जा रहा है। इस दुर्घटना में भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की मौत हो गई थी।
कितने करोड़ की डील थी?
आर्मेनिया भारत से करीब 1.2 बिलियन डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपये) में 12 तेजस लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रहा था। यह सौदा अंतिम चरण में पहुंच चुका था और इसे तेजस की पहली इंटरनेशनल एक्सपोर्ट डील माना जा रहा था। लेकिन हादसे के बाद अब यह समझौता अधर में लटक गया है।
आधिकारिक बयान का इंतजार
रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई एयरशो में हुए हादसे ने आर्मेनिया की टेक्निकल टीम और रक्षा मंत्रालय को चिंतित कर दिया। हालांकि अभी तक आर्मेनिया सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है। न ही भारत की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया सामने आई है।
दुबई एयरशो में कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा दुबई एयरशो के आखिरी दिन हुआ, जब भारतीय वायुसेना का तेजस विमान एरियल डिस्प्ले में अपना प्रदर्शन कर रहा था। स्थानीय समय के अनुसार दोपहर 2:10 बजे (भारतीय समय 3:40 बजे) विमान लो-एल्टीट्यूड मैन्यूवर कर रहा था। इसी दौरान उसकी ऊंचाई अचानक कम हो गई और कुछ ही सेकंड में विमान नीचे गिर गया। जमीन पर गिरते ही तेज धमाका हुआ और आग लग गई। हादसे में विंग कमांडर नमांश स्याल की मौके पर ही मौत हो गई। भारतीय वायुसेना ने हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं।
20 महीने में तेजस का दूसरा क्रैश
तेजस मार्क-1A को भारत की सबसे सुरक्षित और आधुनिक हल्की लड़ाकू विमानों में गिना जाता है, लेकिन 20 महीनों में इसके दो हादसे चिंता का विषय बन गए हैं। मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर में एक तेजस विमान क्रैश हुआ था। उस समय पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे थे। नवंबर 2025 का दुबई एयरशो हादसा इससे कहीं अधिक गंभीर रहा, जिसमें भारतीय पायलट की जान चली गई। इन दो घटनाओं ने तेजस की इंटरनेशनल मार्केटिंग और संभावित निर्यात योजनाओं पर असर डाला है।