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देवरिया साइबर क्राइम टीम ने मिनरल वाटर फ्रेंचाइजी के नाम पर हुए ऑनलाइन फ्रॉड में ठगे गए पूरे 30 लाख रुपये पीड़ित ज्ञानचंद यादव को वापस करा दिए। साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बैंक खातों पर रोक लगवाई। पुलिस ने जनता को OTP, पासवर्ड साझा न करने और किसी भी संदिग्ध लिंक से दूर रहने की सलाह दी है।
पीड़ित युवक को वापस मिले पैसे
Deoria: देवरिया जिले की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए व्यक्ति के पूरे 30 लाख रुपये उनके बैंक खाते में वापस करा दिए हैं। साइबर टीम की इस तत्काल और प्रभावी कार्रवाई की पूरे जिले में सराहना हो रही है।
कैसे हुई थी ठगी?
यह मामला सुरौली थाना क्षेत्र के ग्राम बासपार बैदा निवासी ज्ञानचंद यादव का है, जो मिनरल वाटर की फ्रेंचाइजी लेने के नाम पर साइबर ठगी के शिकार हुए थे। ऑनलाइन माध्यम से फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन करने और बातचीत के दौरान धोखेबाजों ने उनसे अलग-अलग चरणों में भुगतान करवाकर कुल 30 लाख रुपये हड़प लिए थे।
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बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल डिटेल की हुई जांच
घटना के बाद पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत की। जिसके बाद निरीक्षक अनिल कुमार के नेतृत्व में टीम ने साइबर विश्लेषण शुरू किया। टीम में कंप्यूटर ऑपरेटर शिवमंगल यादव, कांस्टेबल दीपक कुमार, विजय राय और महिला कांस्टेबल पूर्णिमा चौधरी शामिल रहे। सभी ने मिलकर बैंक ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल, डिजिटल ट्रेल और फ्रॉड लिंक का गहराई से अध्ययन किया।
सारे पैसे वापस करवाए
साइबर टीम ने फौरन कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक और वित्तीय संस्थानों को नोडल अनुरोध भेजा और संदिग्ध खातों पर रोक लगवाई। टीम की तत्परता का नतीजा रहा कि ठगों द्वारा हड़पे गए पूरे 30,00,000 रुपये सुरक्षित हो गए। 26 नवंबर 2025 को सभी रुपये आधिकारिक प्रक्रिया के बादज्ञानचंद यादव के बैंक खाते में वापस करा दिए गए। पीड़ित और उसके परिजनों ने साइबर टीम की कार्रवाई की सराहना करते हुए राहत की सांस ली।
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साइबर पुलिस की चेतावनी और सलाह
देवरिया पुलिस ने इस मामले के बाद आम जनता को सतर्क करते हुए कहा है कि ऑनलाइन फ्रेंचाइजी, बिजनेस ऑफर या किसी भी निवेश से संबंधित जानकारी पर विचार करते समय पूरी तरह जांच-पड़ताल करें और किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी जैसे OTP, बैंक पासवर्ड, ATM पिन या UPI पिन कभी किसी के साथ साझा न करें। पुलिस ने यह भी बताया है कि इंटरनेट पर दिए गए लुभावने ऑफर, विज्ञापन, लिंक और अनजान ऐप अक्सर ऑनलाइन ठगी का हिस्सा होते हैं। किसी भी लिंक पर बिना सत्यापन भुगतान न करें। संदिग्ध कॉल, संदेश या ईमेल प्राप्त होने पर उसे तुरंत रिपोर्ट करें।