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यूपी में चुनावी SIR ड्यूटी कर्मचारियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। अब तक 4 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है- हार्ट अटैक, आत्महत्या और ब्रेन हैमरेज के मामले सामने आए हैं। दबाव और प्रताड़ना से परेशान शिक्षामित्र व शिक्षकों ने इस्तीफे दिए। फतेहपुर में लेखपाल की आत्महत्या पर मुकदमा दर्ज प्रयागराज में 40 BLO का वेतन रोका गया। कर्मचारी संगठन कार्रवाई और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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Lucknow: उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान से जुड़ी SIR (Systematic Voters Registration) ड्यूटी कर्मचारियों के लिए भारी साबित हो रही है। बीते दिनों में लगातार मौत, हार्ट अटैक और आत्महत्या के मामलों ने व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब तक SIR ड्यूटी में लगे चार कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। ताजा मामला बरेली का है, जहां ड्यूटी के दौरान BLO सर्वेश कुमार गंगवार को अचानक हार्ट अटैक आ गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
सर्वेश कुमार गंगवार ड्यूटी पर मौत
47 वर्षीय सर्वेश कुमार गंगवार ड्यूटी पर ही थे कि अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही जिले के अफसर मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की समीक्षा की। यह घटना कर्मचारियों में बढ़ते तनाव और दबाव का नया उदाहरण बनकर सामने आई है।
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SIR ड्यूटी में अब तक चार मौतें
इससे पहले प्रदेश में SIR ड्यूटी में लगे एक लेखपाल और एक टीचर ने आत्महत्या की थी, जबकि एक शिक्षामित्र की ब्रेन हैमरेज से मौत हुई थी। कर्मचारियों का कहना है कि अधिकारियों का व्यवहार बेहद सख्त है और उनसे दिन-रात काम करवाया जा रहा है। कई लोग मानसिक रूप से टूटने लगे हैं।
नोएडा में शिक्षक के बाद शिक्षामित्र का भी इस्तीफा
नोएडा में कुछ दिन पहले एक महिला टीचर ने इस्तीफा दिया था। अब एक महिला शिक्षामित्र ने भी इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे में उन्होंने लिखा, "20 सालों से पढ़ा रही हूं, लेकिन अब हालात असहनीय हो चुके हैं। SIR कार्य में BLO बनाकर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। अधिकारी जबरन देर रात तक काम करवाते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि लगातार दबाव और डर के माहौल में काम करना मुश्किल हो गया है।
लेखपाल की आत्महत्या पर बहन ने 30 घंटे तक शव उठाने नहीं दिया
फतेहपुर में SIR ड्यूटी में लगे लेखपाल की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ गया। उसकी बहन अमृता सिंह कानूनगो शिवराम पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मुकदमे की मांग पर अड़ी रही। उन्होंने पुलिस को शव घर से उठाने नहीं दिया। लगभग 30 घंटे बाद थककर पुलिस ने उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया, तब परिवार ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी। लेखपाल ने अपनी शादी से एक दिन पहले ही आत्महत्या कर ली थी।
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प्रयागराज में 40 BLO का वेतन रोका
प्रयागराज के DM मनीष वर्मा ने SIR ड्यूटी में लापरवाही का आरोप लगाकर 40 BLO का वेतन रोक दिया है। वहीं गोंडा में जहरीला पदार्थ खाकर जान देने वाले विद्यालय शिक्षक विपिन के शव के घर पहुंचने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। सपा जिलाध्यक्ष ने स्वयं शवयात्रा में कंधा दिया। जल्द ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अधिकारियों की गालियों और दबाव ने बनाया हालात बदतर: शिक्षक संघ
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, "अधिकारी गाली देते हैं। रात के 12 बजे तक काम करवाते हैं। एक महीना समय दिया गया, जबकि काम बहुत ज्यादा है। यह शोषण बंद होना चाहिए। सरकार को मृत कर्मचारियों के परिवार को एक करोड़ मुआवजा देना चाहिए।" कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो बड़े स्तर पर विरोध आंदोलन किया जाएगा।
ड्यूटी व्यवस्था पर तत्काल पुनर्विचार किया जाए
लगातार मौतों और इस्तीफों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या SIR ड्यूटी की मौजूदा कार्य प्रणाली कर्मचारियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त है। कई जिलों में बढ़ते विरोध के बीच सरकार और चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ रहा है कि ड्यूटी व्यवस्था पर तत्काल पुनर्विचार किया जाए।